ज़िन्दगी में सारा झगड़ा ही ख्वाहिशों का है,
ना तो किसी को गम चाहिए और ना ही किसी को कम चाहिए।
मुश्किल हालात से कह दो आज हमसे ना उलझे,
दुआओं से हाथ भरे है मेरे तुम्हें कहाँ संभाल पाउँगा।
लोग तो बेवजह खरीदते हैं आईने,
आँख बंद करके भी अपनी हक़ीक़त जानी जा सकती है।
जीवन में सबसे कठिन दौर यह नहीं है जब कोई तुम्हें समझता नहीं है;
बल्कि;
यह तब होता है जब तुम अपने आप को नहीं समझ पाते।
महफ़िल में हँसना हमारा मिजाज बन गया
तन्हाई में रोना एक राज बन गया
दिल के दर्द को चेहरे से जाहिर न होने दिया
बस यही जिंदगी जीने का अंदाज बन गया
ना मिलता गम तो बर्बादी के अफ़साने कहाँ जाते
दुनिया अगर होती चमन तो वीराने कहाँ जाते
चलो अच्छा हुआ अपनों में कोई गैर तो निकला
सभी अगर अपने होते तो बेगाने कहाँ जाते
उसके इंतज़ार के मारे हैं हम
बस उसकी यादों के सहारे हैं हम
दुनिया जीत कर क्या करना है अब
जिसे दुनिया से जीता था
आज उसी से हारे हैं हम
कशिश तो बहुत है मेरे प्यार में
लेकिन कोई है पत्थर दिल जो पिघलता नहीं
अगर मिले खुदा तो मांग लूंगी उसको
पर सुना है खुदा मरने से पहले मिलता नहीं
हमारे लिए उनके दिल में चाहत ना थी
किसी ख़ुशी में कोई दावत ना थी
हमने दिल उनके कदमों में रख दिया
पर उन्हें ज़मीन देखने की आदत ना थी
जिंदगी सुन्दर हैं पर जीना नही आता
हर चीज मे नशा हैं पर पीना नही आता
सब मेरे बगैर जी सकते हैं
बस मुझे ही किसी के बीना जीना नही आता
सारी उम्र आँखों में एक सपना याद रहा
सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा
जाने क्या बात थी उसमें और मुझ में
सारी महफ़िल भूल गए बस वही एक चेहरा याद रहा
मेरी आँखों से आसूँ भले ही ना निकले हो
पर ये दिल आज भी तेरे लिए रोता है
लाखों दिल भी मिल कर उतना प्यार नहीं कर
सकते जितना ये अकेला दिल तुमसे करता है
कुछ लोग पसन्द करते है
अल्फ़ाज़ मेरे
मतलब मोहब्बत में बर्बाद
और भी हुए है
महफ़िल में कुछ ......तो सुनाना पड़ता है
ग़म छुपा कर .........मुस्कुराना पड़ता है
कभी हम .............भी उनके अज़ीज़ थे
आज-कल ये भी .......उन्हें याद दिलाना पड़ता है।.......
किसी की याद दिल में आज भी है
भूल गए वो मगर प्यार आज भी है
हम खुश रहने का दावा तो करते है मगर
उनकी याद में बहते आँसू आज भी है
ज़िन्दगी है नादान इसलिए चुप हूँ
दर्द ही दर्द सुबह शाम इसलिए चुप हूँ
कह दूँ ज़माने से दास्तान अपनी
उसमें आएगा तेरा नाम इसलिए चुप हूँ
कर दे कमाल और कुछ ऐसा लिख ए मेरे टूटे दिल
जिसे पढ़कर वो रोये भी ना और चैन से सोये भी ना
ना जाने किस कॉलेज से ली थी मोहब्बत की डिग्री उसने
कि मुझसे किये गए सारे वादे उसके फर्जी निकले
तुम जियो हज़ारों साल दिल से बस अब यही दुआ निकले
दूर हो जाऊ उस वक़्त से पहले जब जिस्म से रूह निकले
टूटता हुआ तारा सबकी दुआ पूरी करता है
क्यों के उसे टूटने का दर्द मालूम होता है
दिलों में मतलब और ज़ुबान से प्यार करते हैं
बहुत से लोग दुनिया में यही कारोबार करते हैं
इतना भी बेकार न समझो
मुझे जनाब कलाकार हूँ
शब्दों से महफ़िलें सजाता हूँ
तेरे बाद किसी को प्यार से ना देखा हमने
हमें इश्क का शौक है आवारगी का नही
प्यार में डूब कर देखो एक अलग ही नजारा हैं
इस चाहत भरी दुनिया में एक नाम हमारा हैं
अपनी दिल की अदालत में दिल पर मुकदमा चलाओ
इश्क़ का मुज़रिम हु तेरा जरा कोई तो सजा सुनाओ
मेरा तुझ से मिलना मेरे लिए ख़्वाब सही
पर
मैं तुझे भूल जाऊ ऐसा लम्हा मेरे पास नही
दिल तोड़ने वाले ज़रा आहिस्ता दिल तोड़ना
यूँ एकदम से नहीं तुम आहिस्ता मुँह मोड़ना
कहते है की
दुआ कुबूल होने का भी एक वक़्त होता हैं
पर मैं हैरान हु की मेने उसे किस वक़्त नहीं माँगा
क्या ऎसा नहीं हो सकता के हम तुमसे तुमको माँगे
और तुम मुस्कुरा के कहो के अपनी चीजें माँगा नहीं करते
प्यार मोहब्बत आशिकी
ये बस अल्फाज थे
मगर जब तुम मिले
तब इन अल्फाजो को मायने मिले
मैने खुदा से पुछा कि क्यूँ तू हर बार छीन लेता है
मेरी हर पसंद
वो हंस कर बोला मुझे भी पसंद है तेरी हर पसंद
हर बार हम पर इल्ज़ाम लगा देते हो मोहब्बत का
कभी खुद से भी पूछा है इतने हसीन क्यों हो
टूटे हुए सपनो और छुटे हुए अपनों ने मार दिया
वरना ख़ुशी खुद हमसे मुस्कुराना सिखने आया करती थी
मेरी शायरी के हर अलफ़ाज़ में मैंने आपको सजाया
मेरी यादों के हर किस्से में मैंने आपको ही पाया
ख़ुशी हो या गम साथ आपने हर पल निभाया
रोशन हुयी ज़िन्दगी जब से सनम आपको बनाया
बिखरी हुयी ज़िंदगी तमन्नाओ का ढेर होती हैं
अच्छी शायरी शब्दों का हेर फेर होती हैं
टुटा हुआ दिल गम का घर होता हैं
नाकाम आशिक़ ज़ार ज़ार रोता हैं
हम जो सोचे कहा सच में वो सच होता हैं
टूटे हुए दिलो की जरुरत बहुत हैं
वरना महफ़िल में रंग जमायेगा कौन
जब टूटेगा ही नहीं दिल किसी का
तो मयखाने में पीने आएगा कौन
छोड दो तन्हाई मे मुझको यारो
साथ मेरे रहकर क्या पाओगे
अगर हो गई आपको भी मोहब्बत कभी
मेरी तरह तुम भी पछताओगे
दिल में प्यार का आगाज हुआ करता है
बातें करने का अंदाज हुआ करता है
जब तक दिल को ठोकर नहीं लगती
सबको अपने प्यार पर नाज हुआ करता है
दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बेठे
यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बेठे
वो हमे एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का
और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बेठे
आ जाओ किसी रोज़ तुम तो तुम्हारी रूह मे उतर जाऊँ
साथ रहूँ मैं तुम्हारे ना किसी और को नज़र आऊँ
चाहकर भी मुझे कोई छू ना सके मुझे कोई इस तरह
तुम कहो तो यूं तुम्हारी बाहों में बिखर जाऊँ
खुश नसीब होते हैं बादल
जो दूर रहकर भी ज़मीन पर बरसते हैं
और एक बदनसीब हम हैं
जो एक ही दुनिया में रहकर भी मिलने को तरसते हैं
चलो माना कि हमें प्यार का इज़हार करना नहीं आता
जज़्बात न समझ सको इतने नादान तो तुम भी नहीं
दिल ही दिल में तुम्हें प्यार करते हैं
चुप-चाप मोहब्बत का इजहार करते हैं
ये जानते हुए भी आप मेरी किस्मत में नहीं
पर पाने की कोशिश बार-बार करते है
रब से आपकी खुशीयां मांगते है
दुआओं में आपकी हंसी मांगते है
सोचते है आपसे क्या मांगे
चलो आपसे उम्र भर की मोहब्बत मांगते है
कश्ती के मुसाफिर ने समन्दर नहीं देखा
आँखों को देखा पर दिल मे उतर कर नहीं देखा
पत्थर समझते है मेरे चाहने वाले मुझे
हम तो मोम है किसी ने छूकर नहीं देखा
रंजिश ही सही दिल को दुखाने के लिए आ
आ फिर से मुझे छोड़ जाने के लिए आ
कुछ तो मेरे इश्क़ का रहने दे भरम
तू भी तो कभी मुझे मनाने के लिए आ
आग सूरज में होती है जलना ज़मीन को परता हैं
मोब्बत निगाहैं करती हैं तरपना दिल को परता हैं
साथ ना रहने से रिश्ते टूटा नहीं करते
वक़्त की धुंध से लम्हे टूटा नहीं करते
लोग कहते हैं कि मेरा सपना टूट गया
टूटी नींद है सपने टूटा नहीं करते
हर शख्स को दिवाना बना देता है इश्क
जन्नत की सैर करा देता है इश्क
दिल के मरीज हो तो कर लो महोब्बत
हर दिल को धड़कना सिखा देता है इश्क
खुदा की रहमत में अर्जियाँ नहीं चलतीं
दिलों के खेल में खुदगर्जियाँ नहीं चलतीं
चल ही पड़े हैं तो ये जान लीजिए हुजुर
इश्क़ की राह में मनमर्जियाँ नहीं चलतीं