उस घड़ी देखो उनका आलमनींद से जब हों बोझल आँखें,कौन मेरी नजर में समायेदेखी हैं मैंने तुम्हारी आँखें।
रात बड़ी मुश्किल से खुद को सुलाया है मैंने,
अपनी आँखों को तेरे ख्वाब का लालच देकर।
बस इक लतीफ तबस्सुम बस इक हसीन नजर,मरीजे-गम की हालत सुधर तो सकती है।
कुछ इस तरह से वो मुस्कुराते हैं,कि परेशान लोग उन्हें देख कर खुश हो जाते हैं,उनकी बातों का अजी क्या कहिये,अल्फ़ाज़ फूल बनकर होंठों से निकल आते हैं।
तराशा है उनको बड़ी फ़ुर्सत से,ज़ूलफें जो उनकी बादल की याद दिला दें;नज़र भर देख ले जो वो किसी को,किसी नेक दिल इंसान की भी नियत बिगड़ जाए!
तेरा अंदाज़-ए-सँवरना भी क्या कमाल है,तुझे देखूं तो दिल धड़के ना देखूं तो बेचैन रहूँ।
क़ातिल तेरी अदाओं ने लूटा है;मुझे तेरी जफाओं ने लूटा है;शौंक नही था मुझे मर-मिटने का;मुझे तो इन नशीली निगाहों ने लूटा है!
तुम हक़ीकत नहीं हो हसरत हो,जो मिले ख़्वाब में वही दौलत हो,किस लिए देखती हो आईना,तुम तो खुदा से भी ज्यादा खूबसूरत हो।
पलकों को जब-जब आपने झुकाया है,बस एक ही ख्याल दिल में आया है,कि जिस खुदा ने तुम्हें बनाया है,तुम्हें धरती पर भेजकर वो कैसे जी पाया है।
अंगड़ाई लेके अपना मुझ पर जो खुमार डाला,
काफ़िर की इस अदा ने बस मुझको मार डाला।
फासलों का एहसास तो तब हुआ
जब मैंने कहा ठीक हूँ और उसने मान लिया़
बेवजह कोई इल्ज़ाम लग जाए तो क्या किजिए
फिर यूं किजिए कि वो गुनाह कर लिजिए
बची हैं गिनती की चंद साँसें
इस घर का बयाना हो चुका है.. ✍️
मैं सूरज के साथ रहकर भी भूला नहीं अदब
लोग जुगनू का साथ पाकर मगरूर हो गए ।।।
कभी ज़िन्दगी एक पल में गुजर जाती हैं
कभी ज़िन्दगी का एक पल नहीं गुजरता
मेरी सांसों में समाया भी बहुत लगता है
और वही शख़्स पराया भी बहुत लगता है
उससे मिलने की तमन्ना भी बहुत है
पर आने जाने में किराया भी बहुत लगता है
कभी फुर्सत मिले तो उनका हाल ही पूछ लिया करो
जिनके सीने में दिल जगह तुम धड़कते हो
अपनी हालत का ख़ुद एहसास नहीं है मुझ को
मैं ने औरों से सुना है कि परेशान हूँ मैं
तुझे हम अच्छे नहीं लगते ये महसूस किया हमने,
चलो जो अच्छा लगता है खुदा नसीब करे तुझे! ....
सोचता हूँ दोस्तों पर मुकदमा कर दूँ
इसी बहाने तारीखों पर मुलाकात तो होगी
हम तो निकले थे मोहब्बत की तलाश में,
सर्दी बहुत लगी चाय पीकर वापस आ गए।
इतने करीब मत आओ कि हसरतें मचल जायें
कहीं ऐसा ना हो चाहत की आग में जल जायें
तुम्हारी मीठी छुअन से एक गुदगुदी सी होती है
देखो हँसते-हँसते कहीं आँसू ना निकल जायें ..
बहुत गुमान था छत को छत होने का।
एक मंजिल और बनी और छत फिर से फर्श बन गया ।।
कहने वालो का कुछ नहीं जाता
सहने वाले कमाल करते हैं
कौन ढूंढे जवाब दर्दो का
लोग तो बस सवाल करते हैं।
थोड़ा सा रफू करके देखिए न
फिर से नई लगेगी जिंदगी ही तो है..........
याद वो नहीं जो अकेले होने में आए,
*याद तो वो है जो महफिल में आए और अकेला कर जाए ।
💞कितना प्यार है, तुमसे, वो, लफ्ज़ों के सहारे, कैसे बताऊँ,
💞महसूस कर, मेरे एहसास को, अब गवाही कहाँ से लाऊँ.....!!!
तुझे खो देने के बाद मेरे जिंदगी मे कोई सुख नई !
दुख तो इस बात का है कि तुझे इस बात का कोई दुख नई!!!
कुछ इस तरह से मैंने जिंदगी को आसान कर लिया
किसी से माफी माॅग ली और किसी को माफ़ कर दिया"
बड़े अजीब से हो गए रिश्ते आजकल
सब फुरसत में है,पर वक़्त किसी के पास नहीं।
हजारों में मुझे सिर्फ वो एक शख्स चाहिए
गैरमौजूदगी में जो मेरी बुराई ना सुन सके
जीन्दगी में इतना दर्द सह चुका हूँ कि अब बुराई भी तारीफ लगती है
जो फकीरी मिजाज रखते हैं
वो ठोकरों में ताज रखते हैं,
जिनको कल की फ़िक्र नहीं
वो मुठ्ठी में आज रखते हैं।
कितने फरेबी हो गए हैं इस दौर के जुगनू भी
रौशनी दिखाकर अँधेरो की तरफ बुलाते हैं.... ✍️
कुछ ऐसे भी मुझे आजमाया गया
पंख काटे गए फिर आसमाँ में उड़ाया गया
हर किसी के हाथ से बिक जाने को तैयार नहीं
ये मेरा दिल है तेरे शहर का अख़बार नहीं.... ✍️
अपने जज्बात लिखे तो मालूम हुआ
की पढ़े लिखे लोग भी पढ़ना नहीं जानते |
इसीलिये तो यहाँ अब भी अजनबी हूँ मैं
तमाम लोग फ़रिश्ते हैं आदमी हूँ मैं....✍️
ज़िंदगी पर भी कोई ज़ोर नहीं
दिल ने हर चीज़ पराई दी है
पहली मोहब्बत के लिए दिल जिसे चुनता है.
वो अपना हो न हो…दिल पर राज हमेशा उसी का रहता है।
तेरे दर्द से दिल आबाद रहा
तेरे दर्द से दिल आबाद रहा
कुछ भूल गए, कुछ याद रहा
आंखे ढूढती रही प्यार सुन्दर चेहरों की पट्टी बाँध कर
काश पट्टी हटा दी होती तो दिल मिल जाता
किसी का साथ छूटा है सम्भलने में वक़्त तो लगेगा
हर चीज मोहब्बत नहीं जो एक पल में हो जाए.... ✍️
भुला पाना बहुत मुश्किल है सब कुछ याद रहता है
मोहब्बत करने वाला इसलिए बरबाद रहता है
मैं आइना हूँ दिखाऊंगा दाग चेहरे के
जिसे खराब लगे सामने से हट जाए.... ✍️
💕वक़्त और दोस्त दोनों ज़िन्दगी में ख़ास होते हैं
वक़्त किसी का नहीं होता और दोस्ती हर किसी से नहीं होता..
खामोशियाँ ही बेहतर हैं,
शब्दों से लोग रूठते बहुत हैं..
जो कुछ भी था सब खो चुका हूॅ मैं
करके सबका भला,बुरा हो चुका हूॅ मैं...।
उलझते हैं हर पल अपने आप से
सारे जहाँ को अपने में उतार रखा है।
बहुत मुश्किल से करता हूँ तेरे यादो का कारोबार
मुनाफा थोड़ा कम है पर गुजारा हो जाता हैं।