वक्त पे न पहचाने कोई ये अलग बात,वैसे तो शहर में अपनी पहचान बहुत हैं......!!!
परिंदों सी उड़ान भरी थी तुझ को पाने को,तेरा आसमां देख चक्कर खा गए.....!!!
मुश्किलें जरुर हैं, मगर ठहरा नही हूँ मैं,मंज़िल से जरा कह दो, अभी पहुंचा नही हूँ मैं....!!!
कौन गुज़ारता है यहाँ जिंदगी,वह तो खुद-ब-खुद गुज़रती रहती हैं…!!!
वादे तो उसने कीये लेकीन,उसके इरादे नेक नही थे.....!!!
मरने वाले तो खैर बेबस हैं,जीने वाले कमाल करते हैं......!!!
उठाये जो हाथ उन्हें मांगने के लिए,किस्मत ने कहा, अपनी औकात में रहो....!!!
खुदा भी आख़िर पुछेगा मुझसे,मुझे पाँच वक़्त…उसे हर वक़्त.....!!!
मौत से पहले भी एक मौत होती है,देखो तुम किसी अपने से जुदा होकर.....!!!
यु न झांको गरीब के दिल में,यहाँ हसरते बे-लिबास रहती है....!!!
सुना है इश्क़ से तेरी बोहत बनती है,एक एहसान कर मुझ पे, क़सूर पूछ मेरा....!!!
काश तुम मौत होते,तो एक दिन जरूर मेरे होते....!!!
कमल की फनकारी है तुझ में,वार भी दिल पे, राज भी दिल पे....!!!
होश मुझे भी आ ही जाएगा मगर,पहले दिल तेरी यादो से रिहा तो हो....!!!
उदासियों की वजह तो बहुत है ज़िन्दगी में,पर बेवजह खुश रहने का मज़ा ही कुछ और है....!!!
बेवफा लोगो को हम से बेहतर कोण जानेगा,हम तो जले हुए कागज़ों से भी अलफ़ाज़ पढ़ लिया करते है....!!!
मयखाने में कैसे बुझती प्यास मेरी,इन् होठों को तलब तो तेरे होठों की थी….!!!
ना कर जिद अपनी हद में रह दिल,वो बड़े लोग है अपनी मर्जी से याद करते है…..!!!
इतनी शिद्दत से याद आये हो,जैसे फिर याद ही नहीं आना....!!!
ऐसी कोई जवानी नहीं, जिस की कोई कहानी नहीं.....!!!
उस बेवफा ने मेरा दिल शीशे की तरह तोड़ दिया, इसलिए हमने अपनी ज़िन्दगी का रास्ता ही मोड़ लिया, बस मोहब्बत की बात ही मत करना, क्योंकि अब हमने मोहब्बत करना ही छोड़ दिया।
क्या अजीब था उनका मुझे छोड़ के जाना, सुना कुछ नहीं और कहा भी कुछ नहीं, कुछ इस तरह बर्बाद हुए उनकी मोहब्बत में, लुटा भी कुछ नहीं और बचा भी कुछ नहीं।
पल पल उसका साथ निभाते हम, एक इशारे पर दुनिया छोड़ जाते हम, समन्दर के बीच में फरेब किया उसने, कहते तो किनारे पर ही डूब जाते हम।
मैं ख़ामोशी हूँ तेरे मन की, तू अनकहा अलफ़ाज़ मेरा, मैं एक उलझा लम्हा हूँ, तू रूठा हुआ हालात मेरा।
इश्क करना तो लगता है जैसे, मौत से भी बड़ी एक सजा है, क्या किसी से शिकायत करें हम, जब अपनी तकदीर ही बेवफा है।
दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बैठे, यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बैठे, वो हमे एक लम्हा न दे पाए प्यार का, और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बैठे।
मुझे तुझसे कोई शिकवा या शिकायत नहीं, शायद मेरे नसीब में तेरी चाहत नहीं है, मेरी तकदीर लिखकर खुदा भी मुकर गया, मैंने पूछा तो बोला ये मेरी लिखावट नहीं है।
जब भी उनकी गली से गुज़रते हैं, मेरी आँखें एक दस्तक दे देती हैं, दुःख ये नहीं वो दरवाजा बंद कर देते हैं, ख़ुशी ये है कि वो मुझे पहचान लेते हैं।
मोहब्बत की सजा बेमिसाल दी उसने, उदास रहने की आदत सी डाल दी उसने, मैंने जब अपना बनाना चाहा उसको, बातों बातों में बात टाल दी उसने।
तुम्हें ग़ैरों से कब फुर्सत हम अपने ग़म से कब ख़ाली, चलो बस हो चुका मिलना न तुम ख़ाली न हम ख़ाली।
दिल से मिले दिल तो सजा देते हैं लोग , प्यार के जज्बातों को डुबा देते हैं लोग, दो इँसानो को मिलते कैसे देख सकते हैं, साथ बैठे दो परिन्दो को उड़ा देते हैं लोग।
हमने भी किसी से प्यार किया था, हाथो मे फूल लेकर इंतेज़ार किया था, भूल उनकी नही भूल तो हमारी थी, क्यों की उन्होने नही, हमने उनसे प्यार किया था..!!
करोगे याद एक दिन चाहत के ज़माने को, चले जायेंगे जब हम कभी वापस न आने को, करेगा महफ़िलों में जब ज़िक्र हमारा कोई, तन्हाई ढूंढोगे तुम भी दो आँसू बहाने को।
कशिश तो बहुत है मेरे प्यार में , लेकिन कोई है पत्थर दिल जो पिघलता नहीं , अगर मिले खुदा तो मांग लूंगी उसको , पर सुना है खुदा मरने से पहले मिलता नहीं।
प्यार से प्यारी कोई मजबूरी नहीं होती, अपनों की कमी कभी पूरी नहीं होती, दिल से जुदा होना अलग बात है पर, नजरों से दूर होना कोई दूरी नहीं होती।
उनकी मुस्कान हमारी कमजोरी है, उनसे कुछ कह न पाना हमारी मजबूरी है, वो क्यों नहीं समझते हमारी ख़ामोशी को, क्या ख़ामोशी को जुबान देना जरूरी है।
कुछ रिश्तों को कभी भी नाम ना देना तुम, इन्हें चलने दो ऐसे ही इल्जाम ना देना तुम, ऐसे ही रहने दो तुम तिश्नग़ी हर लफ़्ज़ में, कि अल्फ़ाज़ों को मेरे अंज़ाम ना देना तुम।
मंज़िल है, तो रास्ता क्या है , हौंसला है तो , फांसला क्या है , वो सजा देकर दूर जा बैठे , किस्से पूछूँ मेरी खता क्या है ?
मंजिल भी उसी की थी रास्ता भी उसका था, एक हम अकेले थे काफिला भी उसका था, साथ साथ चलने की कसम भी उसी की थी, और रास्ता बदलने का फैसला भी उसका था।
बहुत चाहा उसको जिसे हम पा न सके, ख्यालों में किसी और को हम ला न सके, उसको देखकर आँसू तो पोंछ लिए, लेकिन किसी और को देखकर हम मुस्कुरा न सके।
रास्ते खुद ही तबाही के निकाले हमने, कर दिया दिल किसी पत्थर के हवाले हमने, हमें मालूम है क्या चीज़ है मोहब्बत यारो, घर अपना जला कर किये हैं उजाले हमने।
याद जब आती है तुम्हारी तो सिहर जाता हूँ मैं, देख कर साया तुम्हारा अब तो डर जाता हूँ मैं, अब न पाने की तमन्ना है न है खोने का डर, जाने क्यूँ अपनी ही चाहत से मुकर जाता हूँ मैं ।
माना की तुम जीते हो ज़माने के लिये, एक बार जी के तो देखो हमारे लिये, दिल की क्या औकात आपके सामने, हम तो जान भी दे देंगे आपको पाने के लिये!
न जिद है न कोई गुरूर है हमे, बस तुम्हे पाने का सुरूर है हमे, इश्क गुनाह है तो गलती की हमने, सजा जो भी हो मंजूर है हमे।
आज मुझे ये बताने की इजाज़त दे दो, आज मुझे ये शाम सजाने की इजाज़त दे दो, अपने इश्क़ मे मुझे क़ैद कर लो, आज जान तुम पर लूटाने की इजाज़त दे दो.
किसी से प्यार करो तो इतना करो कि वो, आपको छोड़ के जाए तो किसी का हो न पाए।
हर पल मोहब्बत करने का वादा है आपसे, हर पल साथ निभाने का वादा है आपसे, कभी ये मत समझ न हम आपको भूल जायेंगे, जिंदगी भर साथ चलने का वादा है आपसे।
हमारी चाहत है तुझे अपना बनाने की, हमने तो ज़रूरत की है तुझसे दिल लगाने की, अब तू हमे चाहे या न चाहे, लेकिन हमारी तो हसरत है तुझ पर मर मिट जाने की।
ऐ काश कोई खुशियों की दुकान होती, और मुझे उसकी पहचान होती, खरीद लेता आपके लिए हर एक ख़ुशी, चाहे उसकी कीमत मेरी जान होती।
अपने दिल की चिंगारियां जरा जला कर तो देख, जबां धड़कनो को सज़ा कर तो देख, तुझे हो न जाये कहीं हमसे ही इश्क, ज़रा अपनी नज़रे हमसे मिला कर तो देख।