हस्ती मिट जाती है आशियाँ बनाने मे,
बहुत मुस्किल होती है अपनो को समझाने मे,
एक पल मे किसी को भुला ना देना,
ज़िंदगी लग जाती है किसी को अपना बनाने मे…
गम ना कर ज़िंदगी बहुत बड़ी है,
चाहत की महफ़िल तेरे लिए सजी है,
बस एक बार मुस्कुरा कर तो देख,
तक़दीर खुद तुझसे मिलने बाहर खड़ी है…
सस्ता न समझ ये इसक का सौदा ए सनम
तेरी हसी के बदले सारी जिंदगी उदास रहेगें हम
मुझे उसकी ये नादान अदा 😍 खूब 😘 भाती हैं,
😔 नाराज़ मुझसे होती हैं और 😡 गुस्सा सबको 😠 दिखाती हैं😘
तुम थक तो नहीं जाओगे इन्तजार में तब तक....
मैं मांग के आऊं खुदा से तुमको जब तक.....
कही पर दुआ का इक लफ्ज भी असर कर जाता हैं,
तो कही बरसों की इबादत हार जाती हैं !!
छा जाती है चुप्पी अगर गुनाह अपने हों,
बात दूजे की हो तो शोर बहुत होता है !!
इतना बता दो कैसे साबित करूँ कि तुम याद आते हो.
एहसास तुम समझते नहीं और अदायें हमे आती नहीं.
वो होकर मजबुर हमारी जिंदगी से चले गये
आजकल उनका रहना हमारे ख्यालो मे होता है
उसने सही कहा था
इन लम्हों की यादें सम्भाल कर रखना
फिर हम याद तो आऐंगे
मगर लौटकर कभी नहीं
सिर्फ वक्त ही गुजारना हो तो किसी और को आजमा लेना,
हम तो चाहत और दोस्ती दोनों इबादत की तरह करते है !!
उदास लम्हों की न कोई याद रखना
तूफ़ान में भी वजूद अपना संभाल रखना
किसी की ज़िंदगी की ख़ुशी हो तुम
बस यही सोच तुम अपना ख्याल रखना
जाड़ो.की बारिश सा है इश़्क यारा
♡♡
भीगने का दिल भी करता है,और डरता भी है
कुछ पेचीदा लफ्जों में मैंने अपनी बात रखी
जमाना हँसता गया, जज्बात रोते गये…
रिश्ते भी जाने क्या चीज होते हैं दोस्त,
जब ख़त्म होने को आते हैं तभी समझ आते हैं।
हर बार मुकद्दर को कुसुरवार कहना अच्छी बात नही,
कभी कभी हम उन्हें भी मांग लेते है जो किसी और के होते है.||
ज़िन्दगी में कई ऐसे लोग भी मिलते हैं
जिन्हें हम पा नहीं सकते सिर्फ चाह सकते हैं..
मोहब्बत ने बनाया भी है
मोहब्बत ने मिटाया भी है
क़िस्मत अपनी तजुर्बा अपना।
मेरी डायरी के पन्ने बोलते बहुत है
मै राज छुपाता हूँ, ये खोलते बहुत है
तरक्क़ी मिलें तो मेहनत की बात है।
अगर न मिले तो क़िस्मत की बात है।
सब नज़रिया है सोचने की बात है।।
मंज़िलों के ग़म में रोने से मंज़िलें नहीं मिलती,
हौंसले भी टूट जाते हैं अक्सर उदास रहने से।
खुद को औरों की तवज्जो का तमाशा न करो,
आइना देख लो अहबाब से पूछा न करो,
शेर अच्छे भी कहो, सच भी कहो, कम भी कहो,
दर्द की दौलत-ए-नायाब को रुसवा न करो।
हस्तरेखा भी कितनी अजीब है
हाथ में हमारे है मगर समझ में दुसरों को आती है
आपकों याद है हम अब तक
ये मेहरबानी है आपकी।।
सदियाँ बीती है पर मसला नहीं बदला
उसूलों की बात थी फैसला नहीं बदला।।
आसानी से नही मिलता
ये शौहरत का जाम
काबिल-ए-तारीफ़ होने के लिए
वाकिफ़-ए-तकलीफ़ होना पड़ता है
तुम क्या हो मेरे
"कुछ" हो या "कुछ" भी नहीं
मगर मेरी "ज़िन्दगी"
के "काश" में एक "काश" तुम भी हो...!!
तुम्हारे सब चाहने वाले मिलकर भी उतना नहीं चाह सकते तुम्हें
जितनी मोह़ब़्बत मैं अकेला करता हूँ तुम से...!!
बात मोहब्बत की थी तभी तो लुटा दी जिन्दगी तेरे ऊपर
अगर "जिस्म से प्यार" होता तो
तुझसे भी "हसीन चेहरे" बिकते हैं " बाजार" में |
मैं मर जाऊँ तो उसको खबर मत करना
अगर वो रो पड़ी तो "दिल" फिर से धड़क जायेगा |
ना जाने कैसे इम्तिहान ले रही है ये ज़िन्दगी
मुकद्दर, मोहब्बत और दोस्त तीनों नाराज हैं|
कुछ लोगो ने कहा तस्वीर भेजो
इश्क करना है हमे आपसे
हमने कहा तस्वीरो पे तो फुल चढते हैं
इश्क तो जज्बात से होता है !!
मत किया कर ऐ दिल किसी से मोहब्बत इतनी
जो लोग बात नहीं करते वो प्यार क्या करेंगे..
कोई तुम्हारा साथ न दे तो गम मत कर
खुद से बड़ा दुनिया में कोई हम सफर नहीं होता।
तुम्हारा प्यार न हो गया
UPSC का exam हो गया
इतने साल से clear ही नहीं हो रहा।😡😡
तेरी जगह आज भी कोई नहीं ले सकता
पता नहीं वजह तेरी खूबी है या मेरी कमी..!!
कर सकता था मैं भी मोहब्बत उससे
पर सोंचा, हंसीन है
तो बेवफा भी होगी !!!
गरीब के कर्ज जैसा है ये इश्क़ भी
एक बार सिर चढ़ जाये तो उतरता ही नही..!!
😍
तेरे जाने से कुछ नही बदला
बस पहले जहाँ दिल होता था
अब वहाँ दर्द होता है |
खुदा जाने कैसी कसर रह गई उसे चाहने में,
की वो जान हे न पाई की मेरी जान है वो
नसीब का खेल भी अजीब तरह से खेला हमने,
जो न था नसीब में उसी को टूटकर चाह हमने
न वफ़ा का जिक्र होगा न वफ़ा की बात होगी,
अब मुहब्बत जिससे भी होगी मतलब के साथ होगी
बातें तो हर कोई समझ लेता है
पर मुझे वो इन्सान चाहिए जो मेरी खामोंशियो को समझे
एक ही समझने वाली थी
मुझे अब वो भी समझदार हो गई
लोग जलते रहे मेरी मुस्कान पर
मैंने दर्द की अपने नुमाईश न की
जब जहाँ जो मिला अपना लिया
जो न मिला उसकी ख्वाहिश न की।
अच्छा हुआ कि उसने मुझे, मेरी औकात बता दी
मैं बेगाना हूँ उसके लिए आज उसने ये बात बता दी
तन्हाइयों में उसे याद करके मैं आज भी रोता हूँ
वो कहीं और होती है, मैं कहीं और होता हूँ
मैं भी जीत जाता प्यार की जंग,
अगर उसने मेरा साथ निभाया होता
जितने वादे किए थे प्यार में उसने,
उसमें से कुछ को भी निभाया होता
सोचा था प्यार बदल देगी मेरी जिंदगी
पर इसने तो जिंदगी को बर्बाद ही कर दिया.
जब कभी तेरा दिल, किसी पे आ जाए
तो बस खुदा से इतनी दुआ करना,
कि किसी बेवफा के संग तू प्यार के सपने न सजाए.