मुझे आसमानो में उड़ने का शोक हैं, परिंदो के बीच खेलने का शोक हैं, अगर मुझे जानना हो तो जरा दूर से ही जानना मैं परवाना हूँ, मुझे आग में जलने का शोक हैं।
कहता है की मौत सामने आएगी तो मैं डर जाऊंगा, मैंने कहा की कैलाश तक चलने वाला महादेव का दीवाना हूँ, मौत को भी हर हर महादेव कर के निकल जाऊंगा…।।।।
दुनिया समझती है बेकार जिसे वो खोटा सिक्का भी एक दिन चल जायेगा। मंजिल चुन कर बढ़ चुका हूँ मैं हौसले बढ़ रहे हैं मेरे, समय भी बदल जायेगा।
किसी की मजबूरियों पर मत हँसिये, कोई मजबूरियाँ ख़रीद कर नही लाता, डरिए समय की मार से क्योकि बुरा समय किसी को बताकर नही आता।
वक्त नूर को बेनूर कर देता हैं, छोटे से जख्म को नासूर कर देता हैं, कौन चाहता हैं अपनों से दूर होना, लेकिन समय सबको मजबूर कर देता हैं।
समय से लड़कर जो अपना नसीब बदल दे, इंसान वही जो अपनी तक़दीर बदल दे, कल क्या होगा कभी ना सोचो, क्या पता कल समय ख़ुद अपनी तस्वीर बदल दे।
एक तूफ़ान आया और सब कुछ उड़ा कर चला गया गुजरा हुआ समय बहुत कुछ सिखा कर चला गया, कभी सोचा न था दुनिया में ऐसे लोग भी होते हैं, जिन्हें चुप कराया वही हमे रुला कर चला गया..।।।
वक्त सबको मिलता हैं जिन्दगी बदलने के लिए, पर जिन्दगी दुबारा नही मिलती वक्त बदलने के लिए।
अभी तो थोडा वक्त हैं, उनको आजमाने दो, रो-रोकर पुकारेंगे हमें, हमारा वक्त तो आने दो।
कभी हाथों में उसका हाथ था, जिंदगी में उसका प्यारा सा साथ था। आज बदल गए हैं दिन और बिखरे जज़्बात हैं, वो भी वक्त की बात थी ये भी वक्त की बात है।
इंतजार नहीं करता ये समय किसी का और किसी के लिए रुकता भी नहीं बस चला जाता हैं इसे फ़िक्र किसी की नहीं..।।।।।
कुछ पल का बुरा समय जिंदगी भर याद रह जाता हैं चाहे कितनी भी खुशिया आ जाये बुरा पल हमेशा याद रहता हैं।
समय सब के पास हैं लेकिन हमेशा के लिए नहीं जो चाहे कर लो आज में ही कल का भरोसा नहीं।
समय बदलने से उतनी तकलीफ नहीं होती, जितनी किसी अपने के बदल जाने से होती है।
जब आप का नाम जुबान पर आता हैं, पता नहीं दिल क्यों मुस्कुराता हैं, तसल्ली होती है मन को कोई तो है अपना जो हँसते हुए हर समय याद आता हैं..।।
जो रोऊंगा तो पलकों पे नमी रह जायेगी, ज़िन्दगी बस नाम की जिन्दगी रह जायेगी, ये नहीं कि तुम बिन जी न पाउँगा, हाँ मगर जिन्दगी में हर समय एक तेरी कमी रह जायेगी।
हार जाते हैं वो जो समय के आगे घुटने टेक दिया करते हैं। जीत उन्हीं की होती है जो बहानों के लिबासों को उतार फेंक दिया करते हैं।
दिल को उदास करने जब तन्हाई आती है समय गुजर जाता है बस यादें साथ निभाती हैं।
आगे वही बढ़ पायेगा जो जिंदगी को अपने हिसाब से चलाएगा, कौन रहेगा मैदान में कौन बाजी हारेगा किस्मे है कितना दम अब ये समय बताएगा।
सो रही है दुनिया, बस एक सपनों का तलबगार जाग रहा है। दिन भी छोटे और रातें भी छोटी लगती हैं समय जैसे जिंदगी से भी तेज भाग रहा है।
ना तूफ़ान ने दस्तक दी, और ना पत्थर ने चोट दी, वक्त तकदीर से मिला और मुझे सजा-ए-मोहब्बत दी।
तुझे चाहने वाले कम ना होंगे, समय के साथ शायद हम ना होंगे, चाहे किसी को कितना भी प्यार देना, लेकिन तेरी यादों के हकदार सिर्फ हम ही होंगे।
समय की रफ़्तार रुक गयी होती, शरम से आँखें झुक गयी होती, अगर दर्द जानती शम्मा परवाने का, तो जलने से पहले ही वो बुझ गयी होती।
बख्शे हम भी न गए बख्शे तुम भी न जाओगे समय जानता है हर चेहरे को बेनकाब करना।
कल मिला वक़्त तो ज़ुल्फ़ें तेरी सुलझा लूंगा आज उलझा हूँ ज़रा वक़्त के सुलझाने में..।।
समय की आंच में पत्थर भी पिघल जाते है, ख़ुशी के लम्हे गम में बदल जाते है, कौन करता है याद किसी को यारा, समय के साथ खयालात भी बदल जाते है।
समय बदला और बदली कहानी हैं, संग मेरे हसीं पलों की यादें पुरानी हैं, न लगाओ मेरे ज़ख्मो पे मरहम, मेरे पास उनकी बस यही निशानी हैं।
नज़र से नज़र की मुलाक़ात देखी है, आपकी नज़र में एक खास बात देखी है || खुदा जाने क्या है आपकी निगाह में, वरना अपनी तस्वीर, आपकी नज़रों में साफ देखी है ||
हसीनों से हमने मुलाकात देखी है, हर मुलाकात मे एक नयी बात देखी || यूं तो लड़कियाँ हज़ारो मिली, मगर तुम्हारी चाहत मे एक नयी बात देखी ||
याद होकर भी हम, ना याद हो गये, दौर बरबादियों के यूं ही गुज़र गये || चमकी थी फल्क में, मै बिजली की तरह, घटाये बरसी और मै यू ही बिखर गयी ||
हर दर से ठोकर खाने की बाद, तेरी याद आयी तुझे खोने के बाद|| ना तू मेरा रहा, और ना मै तेरी, एहसास-ए-मुहब्बत दुआ,जुदा,होने के बाद||
दस्तूर उल्फत के निभाये ना गये, उनसे वादे प्यार के निभाये ना गये|| हम पलके बिछाये रहे, उनकी राहो मै, उनसे फासले बीच के मिटाये ना गये ||
चाँद की रौशनी में भी, ना जाने कैसा सरूर होता है || हम जिसे भी चाहते है , वो अक्सर हमसे दूर होता है ||
तू लगा ले कह-कहे, हम अश्को से होली खेलेंगे || तू मना रोज दिवाली, हम अंधेरो में भी जी लेंगे ||
किस प्यार का वास्ता देते हो, अब क्या रखा है झूठे वादों में || ख़ाक कर दिया तुमने आशियाँ, अब क्या रखा है झूठे दिलासों में ||
तुम खुशीओ के जश्न मनाते रहे, हम अश्को के जाम पीते रहे || तुम नस्तर पे नस्तर चुभाते रहे, हम दर्द सह कर भी जीते रहे ||
खड़ी होकर छत पर वो, नजरो से तीर चलाते रहे || जितना में उससे दूर हुआ, वो उतना ही पास आती रही ||
चेहरे की उदासी, उनकी , खामोश चाहत का इजहार करता है || लब उनके खामोश सही, मगर उनकी नजरो बेक़रार करती है ||
शीशा-ए-जाम छलका, पैमाना टूट कर बिखर गया || ए खुदा उनसे नज़र मिली, मेरा हुस्न खिल कर निखर गया ||
जगता रहा हूँ रातो में, बस खवाब देखना काम है || आँखों में है तस्वीर तेरी, मुझे दुनियाँ से क्या काम है ||
क्यों है नींद उड़ी हुयी, क्यों इतने बेक़रार होते हो || सगाई हमारी हो चुकी , क्यों इतना बेकरार होते हो ||
जब से मेरे सगाई हुई, नींद ने पलकों में आना छोड़ दिया || तनहा रहता हूँ मैं रातो में , तुमने ख्वाबो में आना छोड़ दिया ||
मत इतना बेचैन रहो, चार दिन की बस दूरी है || सुहाग रात मनाने से पहले, थोड़ा इंतज़ार बहुत जरूरी है
प्यार करो रुसवाई मिले, किस्मत की बात निराली है || प्यार में जिसको मंजिल मिले , उसकी किस्मत बड़ी निराली है ||
जिन्दगी जहन्नुम बनती है, प्यार में दगा खाने के बाद || आँखों से नींद उड़ जाती है, प्यार में दगा खाने के बाद ||
जब तुम्हे नींद नहीं आती, तो हमें कैसे चैन आयेगा || कैसे हम सुकून से जियेंगे, जब कोई हमें दिन-रात तड्पायेगा ||
चमन से उजड़ा फूल तो, खिजाओ का भाग्य चमका || उजड़ा गुलशन देखकर, बेवफाओ का भाग्य चमका ||
प्यार की ईमारत को खण्डहर बनते देख लिया, ताज महल को भी टूट कर बिखरते देख लिया || बाद मरने के भी ना-खुदा हुआ जमाना, हमने सौ बार मरकर भी देख लिया ||
सब बाल सफ़ेद होने लगे है, आगे पीछे बच्चे रोने लगे है || कैसे करू मै अब आशिक़ी, हुस्न वाले बड़े मियाँ कहने लगे है ||
टूट कर साख के पत्ते, बिछड़ते जरूर है || बड़े मियाँ इश्क़ करे या ना करे , हसीनो को देखते जरूर है ||