उनके साथ रहते रहते उनसे चाहत सी हो गई, उनसे बात करते करते एक आदत सी हो गई, एक पल वो हमे न मिले तो दिल बेचैन हो जाता है, उनसे दोस्ती निभाते निभाते उनसे मोहब्बत सी हो गई।
इश्क करो तो मुस्कुरा कर, किसी को धोखा न दो अपना बना कर, करलो याद जब तक जिन्दा हैं, फिर न कहना चले गये दिल में यादे बसा कर।
हमारी गलतियों से कभी टूट मत जाना, हमारी शरारत से रू ठ मत जाना, आपकी चाहत ही हमारी जिंदगी है, जिंदगी में कभी हमे भूल मत जाना।
तेरे दिए हुए जख्म धीरे धीरे भर जायेंगे, बस तू जमाने से जिक्र न करना, बहुत शुक्रिया है तेरा दर्द देने के लिये, बस तू मेरी फ़िक्र न करना।
तेरे चेहरे पर मेरा ही नूर होगा, फिर न कभी तू मुझसे दूर होगा, सोच रहे है उस दिन क्या ख़ुशी होगी, जिस दिन तेरी मांग में मेरे नाम का सिन्दूर होगा।
अपनी जिंदगी में हमने तेरी जरूरत देखी है, तेरी आँखों में हमने अपने लिए मोहब्बत देखी है, जितनी बार खुद को भी नही देखा होगा, उतनी बार हमने तेरी सूरत देखी है।
जो कोई सोच भी न सके वो बात है हम, जो ढल के नई सुबह लाये वो रात है हम, अक्सर लोग रिश्ते बना कर छोड़ दिया करते है, जो जिंदगी भर साथ निभाए वो साथ है हम।
हमे फिर सुहाना नज़ारा मिला है, क्योंकि जिंदगी में साथ तुम्हारा मिला है, अब जिंदगी में कोई ख्वाइश नही रही, क्योंकि हमे अब तुम्हारी बाहों का सहारा मिला है।
हमारी आँखों में तुम हो दिल में तुम्हारी तस्वीर है, तुम्हारे लिए दिल तो क्या जान भी हाजिर है।
तेरा नाम ही क्यों ये दिल रटता है, क्यों ये दिल सिर्फ तुझ पे ही मरता है, न जाने कितना नशा है तेरे इश्क में, अब तो तेरी याद में ही ये दिन कटता है।
न जाने कैसा ये तीर जिगर के पार हुआ, न जाने क्यों ये दिल बेकरार हुआ, तू कभी मेरे सामने तो आया नही, फिर भी न जाने क्यों तुझसे इतना मुझे प्यार हुआ।
मैंने तो सिर्फ तुझ से मोहब्बत करने की दुआ मांगी है, मैंने तो हर दुआ में सिर्फ तेरी वफ़ा मांगी है, ये ज़माना लाख जले हमारी मोहब्बत से, मैंने तो सिर्फ तुझसे मोहब्बत करने की सजा मांगी है।
मोहब्बत तो जीने का नाम है, मोहब्बत तो यूँ ही बदनाम है, एक बार मोहब्बत करके तो देखो, मोहब्बत हर दर्द पीने का नाम है।
दर्द महसूस करना है तो ये दिल लगा के देखो, इन निगाहों में किसी को बसा के तो देखो, उनके छोटे से दर्द को भी तुम सह न पाओगे, एक बार इश्क के दरिया में नहा के तो देखो।
हम तुझे याद करते है रात की तन्हाई में, दिल डूबता है दर्द की गहराई में, हमे मत ढूंढना इस जमाने की भीड़ में, क्योंकि हम मिलेंगे तुझे तेरी ही परछाई में।
दिल के रिश्ते का कोई नाम नहीं होता, हर रास्ते का मुक़ाम नहीं होता, अगर निभाने की चाहत हो दोनों तरफ, तो क़सम से कोई रिश्ता नाक़ाम नहीं होता!
तेरे इंतजार में कब से उदास बैठे हैं, तेरे दीदार में आँखे बिछाये बैठे हैं, तू एक नज़र हम को देख ले बस, इस आस में कब से बेकरार बैठे हैं।
हर रात मैं भी आपके पास उजाला हो, हर कोई आपका चाहने वाला हो, वक़्त गुजर जाये उनकी यादो के सहारे हो, ऐसा कोई आप के सपनो को सजाने वाला हो। शुभ रात्रि
याद करते है तुम्हे तनहाई में, दिल डूबा है गमो की गहराई में, हमें मत ढूंढना दुनिया की भीड़ में, हम मिलेंगे में तुम्हे तुम्हारी परछाई में।
कितने चेहरे हैं इस दुनिया में, मगर हमको एक चेहरा ही नज़र आता है, दुनिया को हम क्यों देखें, उसकी याद में सारा वक़्त गुज़र जाता है।
दिल मेरा अगर रोया न होता, हमने भी आँखों को भिगोया न होता, दो पल की हंसी में छुपा लेता गमो को, ख्वाब को हकीकत में संजोया नहीं होता.
न गुलफ़ाम चाहिए, न सलाम चाहिए, न मुबारक का कोई पैग़ाम चाहिए, जिसको पी कर होश उड़ जायें, लबों को ऐसा.. जाम चाहिए!
तुझे पलकों पे बिठाने को जी चाहता है तेरी बाहों से लिपटने को जी चाहता है, खूबसूरती की इंतेहा हैं तू, तुझे ज़िन्दगी में बसाने को जी चाहता है.
खता हो गयी तो फिर सज़ा सुना दो, दिल में इतना दर्द क्यूँ है वजह बता दो, देर हो गयी याद करने में जरूर, लेकिन तुमको भुला देंगे ये ख्याल मिटा दो।
मेरा दिल जलाने वाले, मेरा दिल जला के रोए, मुझे आजमाने वाले, मुझे आजमा के रोए, मेरे सामने से गुजरे, मेरा हाल भी ना पूछा, मैं यकीं करूं तो कैसे, के वो दूर जा के रोए।
आखों से उनकी तस्वीर हटती ही नहीं, दिल से उनकी यादें मिटती भी नहीं, भूलाए तो भूलाए भी कैसे उन्हें, उनके बिना धडकने चलती भी तो नहीं!
मोहब्बत कि ज़ंज़ीर से डर लगता हे, कुछ अपनी तफलीक से डर लगता हे, जो मुझे तुजसे जुदा करते हे, हाथ कि वो लकीरो से डर लगता हे।
उनकी तस्वीर को सिने से लगा लेते हैं, इस तरह जुदाई का गम मिटा देते हैं, किसी तरह कभी उनका जिक्र हो जाये तो, भींगी पलकों को हम झुका लेते हैं।
कोई अच्छी सी सज़ा दो मुझको, चलो ऐसा करो भूला दो मुझको, तुमसे बिछडु तो मौत आ जाये, दिल की गहराई से ऐसी दुआ दो मुझको।
तीर का दर्द सा लगता है सीने में मेरे, जब कांपता देख भी तुम मुस्कुरा देते हो, लोग तो मुर्दे को भी सीने से लगा कर प्यार करते हैं, फिर क्यों मेरे करीब आकर तुम हर बार ज़ख्म नया देते हो।
ख्वाइस तो यही है कि तेरे बाँहों में पनाह मिल जाये, शमा खामोस हो जाये और शाम ढल जाये, प्यार इतना करे कि इतिहास बन जाये, और तुम्हारी बाँहों से हटने से पहले शाम हो जाये।
तुम्हारे नाम को होंठों पर सजाया है मैंने, तुम्हारी रूह को अपने दिल में बसाया है मैंने, दुनिया आपको ढूंढते ढूंढते हो जायेगी पागल, दिल के ऐसे कोने में छुपाया है मैंने!
खुद में हम कुछ इस तरह खो जाते है, बीती हुयी यादो को लेकर रो जाते है, नींद नहीं आती रातो में पर, उनको ख्वाब में देखने के लिए सो जाते है
ये प्यारी निगाहॆं याद रहॆंगी, मिलकर ना मिलने की अदा याद रहॆंगी, मुमकिन नहीं की मॆं तुम्हॆ भुला दुं, और उमर भर तुम्हॆ भी मेरी याद रहॆगी.
दीवानगी हमारी हर राज़ खोल देती है खामोशी हमारी हर बात बोल देती है लेकिन शिकायत है तो सिर्फ़ इस दुनिया से जो दिल के जज़्बात भी पैसों से तोल देती है.
कभी ख़ुशी से ख़ुशी की तरफ़ नहीं देखा, तुम्हारे बाद किसी की तरफ़ नहीं देखा, ये सोच कर कि तेरा इंतज़ार लाजिम है, तमाम उम्र घड़ी की तरफ़ नहीं देखा.
इश्क का ये राज कभी किसी को मत बता देना, दिल में न समाये तो अश्कों में ही छुपा लेना. कोई हवा का झोंका था जो छूकर निकल गया, इस कदर मेरी जान तुम मुझको भुला देना.
कितनी अजीब बात है ना जब तू मेरे पास थी तो, हर दम ये सोचता था की क्या में तेरी कदर नहीं करता और आज तू मेरे पास नहीं है तो है तो ये एहसास होता है की, कदर तो हमेशा से थी मगर तुजे न खोने के यकीन ने अँधा कर दिया था.
दुश्मन भी मेरे मुरीद हैं शायद वक़्त बेवक्त मेरा नाम लिया करते हैं मेरी गली से गुज़रते हैं छुपा के खंजर रु-ब-रु होने पर सलाम किया करते हैं.
एक पल भी सोती नहीं है आँखे, चले आईये आँसुओं के संग गुजरती है राते, चले आईये इन्तजार के मोती रोज लुटाती है आँखे बड़ा सताती है तुम्हारी बाते, चले आईये.
दिल जब टूटता है तो आवाज नहीं आती! हर किसी को मुहब्बत रास नहीं आती! ये तो अपने-अपने नसीब की बात है! कोई भूलता नहीं और किसी को याद भी नहीं आती!
इस मोहब्बत की किताब के, बस दो ही सबक याद हुए, कुछ तुम जैसे आबाद हुए, कुछ हम जैसे बरबाद हुए।
किसी न किसी पे किसी को ऐतबार हो जाता है, अजनबी कोई शख्स यार हो जाता है, खूबियों से नहीं होती मोहब्बत सदा, खामियों से भी अक्सर प्यार हो जाता है।
खुद में हम कुछ इस तरह खो जाते है, बीती हुयी यादो को लेकर रो जाते है, नींद नहीं आती रातो में पर, उनको ख्वाब में देखने के लिए सो जाते है!
आखिर क्यों मुझे तुम इतना दर्द देते हो, जब भी मन में आये क्यों रुला देते हो, निगाहें बेरुखी हैं और तीखे हैं लफ्ज़, ये कैसी मोहब्बत हैं जो तुम मुझसे करते हो।
ज़ख्म सब भर गए बस एक चुभन बाकी है, हाथ में तेरे भी पत्थर था हजारों की तरह, पास रहकर भी कभी एक नहीं हो सकते, कितने मजबूर हैं दरिया के किनारों की तरह।
ये मकाम-ए-इश्क़ है कौन सा कि मिजाज सारे बदल गए, मैं इसे कहूँ भी तो क्या कहूँ मेरे हाथ फूल से जल गए।
आज तक है उसके लौट आने की उम्मीद, आज तक ठहरी है ज़िंदगी अपनी जगह, लाख ये चाहा कि उसे भूल जाये पर, हौंसले अपनी जगह बेबसी अपनी जगह।
रोया हूँ बहुत तब जरा करार मिला है, इस जहाँ में किसे भला सच्चा प्यार मिला है, गुजर रही है जिंदगी इम्तिहान के दौर से, एक ख़तम तो दूसरा तैयार मिला है।
कोई अच्छा लगे तो उनसे प्यार मत करना, उनके लिए अपनी नींदे बेकार मत करना, दो दिन तो आएँगे खुशी से मिलने, तीसरे दिन कहेंगे इंतज़ार मत करना।