मेरी महोब्बत बेजुबा होती रही, दिल की धड़कने अपना वजूद खोती रही || कोई नहीं आया मेरा दुःख में करीब, एक बारिश थी जो मेरा साथ रोती रही ||
एक रास्ता यह भी है, मंजिलो को पाने का || कि सीख लो तुम भी हुनर, हां मैं हां मिलाने का ||
यादो का यह कारवा हमेशा रहेगा, दूर जाते हुए भी प्यार वही रहेगा || माफ़ करना मिल नहीं सके आपसे, यकीन रखना अखियों में इंतज़ार वही रहेगा ||
सब खुशियाँ तेरे नाम कर जाएंगे, ज़िंदगी भी तुझ पे कुर्बान कर जाएंगे || तुम रोया करोगे हमें याद कर के, हम तेरे दामन मे इतना प्यार भर जाएंगे ||
खींच लेती है मुझे, उसकी मोहोबत; वरना मैं बहुत बार मिला हु, आखरी बार उससे ||
मौत की हिम्मत कहाँ थी, मुझसे टकराने की, कम्बख्त ने महोब्बत को मेरी सुपारी दे दी ||
रोज़ ही आते हैं वो अक्सर तकरार का बहाने, वो क्या चाहते है ये वो ही जाने || हम चुप रहकर बस सुनते रहते है, उनके शिकवा और प्यार के फ़साने ||
ख़ामोशी से करीब आकर, बाहो में भर लेना || महोब्बत करने वालो का, अंदाज अजीब है ||
ये कैसी पहचान बनाई है तूने अपनी, नाम तेरा आने पर भी, लोग याद मुझे करते है ||
तलाश मेरी थी और भटक रहा था वो, दिल मेरा था और धड़क रहा था वो || प्यार का तालुक भी अजीब होता है, आँसू मेरे थे सिसक रहा था वो ||
प्यार क्या होता है हम नहीं जानते, ज़िंदगी को हम अपना नहीं मानते || गम इतने मिले कि एहसास नहीं होता, कोई हमें प्यार करे अब विश्वास नहीं होता ||
कभी वक्त मिले तो रखना कदम, मेरे दिल के आंगन मैं || हैरान रह जाओगे मेरे दिल में, अपना मुकाम देखकर ||
माँ ने रख दी आखरी रोटी भी मेरी थाली मैं; मैं पागल फिर भी खुदा, की तलाश करता हूँ ||
मेरे दिल में झांक देखिए जरा, एक चाँद आपसा नजर आएगा || एक चेहरा जिसे प्यार करता हूँ मैं, आपके आईने में उतर जाएगा ||
प्रेमी और दोस्त में क्या फरक है ? प्रेमी कहता है, "तुजे कुछ हुआ तो मैं ज़िंदा नहीं रहूँगा" और दोस्त कहता है, "जब तक मैं ज़िंदा हूँ, तुम्हे कुछ नहीं होने दूँगा" ||
मेरे दिल की नाजुक धड़कनो को, तुमने धड़कना सिखा दिया || जब से मिला है प्यार तेरा, गम में भी मुस्कुराना सिखा दिया ||
जो उसकी आँखो से बयाँ होते है, वोह लफ़ज़ किताबों में कहाँ होते है ||
प्रेम न तो पूरी तरह छिपाया जा सकता है , न दिखाया जा सकता है ||
मेरी यादों को तुम चुन लो, तुम्हारी तन्हाई दूर चली जायगी || मुझे तुम हर लम्हे में छू लो, ये रुसवाई करीब कभी न आएगी ||
मेरे पास बच गई तेरी कहानी है, और खामोश सी एक ज़िंदगानी है || मेरे रूह की खुशियां तू ले गई, इन आँखो मैं बस दुखों का पानी है ||
इंसान सब कुछ भूल सकता है, सिवाय उन पलों के जब उसे || अपनों की जरुरत थी और वो, साथ नहीं थे ||
तन्हा रहना सीख लिया हमने, पर खुश कभी ना हम रह पायेंगे || तेरी दुरी सहना सीख लिया हमने , पर तेरी दोस्ती के बिना जी नहीं पायंगे ||
कौन देता है उम्र भर का सहारा। लोग तो जनाज़े मैं भी कंधे बदलते रहते है।
कौन कहता है कि आसुओ मैं, वज़न नहीं होता || एक भी छलक जाता है, तो न हल्का हो जाता है ||
मेरे दिल से उसकी हर, गलती माफ हो जाती हैं || जब वो मुस्कुरा के पूछती है, नाराज हो क्या ||
तुझे क्या पता कि मेरे दिल में, कितना प्यार है तेरे लिए || जो कर दू बया तो तुझे नींद से, नफरत हो जाए ||
हर ख़ुशी मेरी हराम है, ये जिन्दगी दर्द भरी शाम है || खुशियों से क्या मेरा वास्ता, ये जिन्दगी बस यु ही तमाशा है ||
एक बेवफा संग दिल से, खुदा जाने क्यों प्यार हुआ || जमाना कहता है काफिर उसे , खुदा जाने क्या वो मेरा हमराज हुआ ||
पत्थर से फरियाद, कभी की नहीं जाती || चाहत ए दोस्ती, कभी बेकार नहीं जाती ||
ठंडी-ठंडी भीगी रातों में , जब हवा का झोंका आता है , ए चाँद हमको तेरी क़सम , उनका चेहरा याद दिलाता है |
इन जागती प्यारी आँखों को good night कहने आए हैं , खो जाओ हमारी यादों में ये पैगाम देने आए हैं , ये ठंडी -ठंडी चाँदनी ,ये तारों से भरा आसमां , तुम्हें हमारा सलाम कहने आए हैं |
दिल ये चाहता है तुम्हें रोज़ देखा करें , याद में कब तक तेरी आहें भरें , मिलना तुमसे मेरे मुकद्दर में नहीं , कम से कम खवाब में तो मुलाक़ात करें |
तुझे प्यार से भी ज़्यादा प्यार करते हैं याद में तेरी बेक़रार रहतें हैं , कभी इस दीवाने को भी याद कर लेना , हम हर रात तेरी good night का इंतज़ार करते हैं |
आसमां में चाँद निकला तुम्हें सुलाने के लिए , ठंडी हवा भी आई तेरी ज़ुल्फें उड़ाने के लिए , खो जाओ हमारी याद में अब तुम , चाँदनी बेक़रार हैं तुम्हें चूमके जाने के लिए |
चाँद से भी ज़्यादा प्यारी सूरत है तुम्हारी , तेरी काली ज़ुल्फों में सिमट आई रात सारी , ये ही दुआ है अब खुदा से हमारी , फूलों सी महकती ,नींद हो तुम्हारी |
चाँद आता है तारों को साथ लेकर , नींद आती है खवाबों को साथ लेकर , चाँदनी आई नज़ारों को साथ लेकर , कल की सुबह आए हजारों खुशियों को साथ लेकर |
तेरी याद हमें रात भ र सोने नहीं देती , एक पल को भी ये चैन लेने नहीं देती , क्या ? देखकर करेंगी अब खवाब मेरी आँखें , दुनिया खवाबों में भी मुलाक़ात होने नहीं देती |
हर रात मुझे याद करके सोया करो , दिल की खिड़की को खोलकर सोया करो , अपनी साँसों को बेक़रार करके सोया करो , बस एक बार मेरा नाम लेकर सोया करो |
हर रात आपकी याद आती है , बेकरारी दिल को तड़पा जाती है , ढोंड्ती हैं आंखे तेरे हसीन चेहरे को , इसी खयाल में बस सुबह हो जाती है |
चाँद से चेहरे से ज़ुल्फें हटा लीजिये , याद करके हमें मुस्कुरा दीजिये , रात बहुत हो चुकी ए हूसने -जाना , अब खवाबों की दुनिया में खो जाइये |
अबके बिछड़े तो शायद कभी खवाबों में मिले , जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिले |
आसमां में चाँद निकला और तारे जगमगायें काश एक बार फिर वो हमारे खवाबों में चला आए |
हो चुकी रात हंसी खवाबों में खो जाइये , मेरी दिल की ज़मीन पर उतर आइये |
आप तो रात सो लिए साहिब , हमने तकिये भीगो लिए साहिब |
शबे फिराक में मैंने कही ये नींद से बात, के अब तो आती नहीं तो भी मुझ गरीब के पास |
नींद आई तो आई वरना सवेरा हो गया , तेरे दीवने को आती है ,तो यों आती है नींद |
अल्लाह कोई हद है मेरे इंतेजार की , तस्वीर बन गया हों दिले बेक़रार की |
बिस्तर की सलवटों से पूछ उसकी बेक़रारी , काटी हो रात जिसने करवट बदल-बदल के |
बताओं क्या ज़रा सी ज़िद की ख़ातिर , में उससे और वो मुझसे जुदा है |
अब के साल पूनम में जब तो आएगी मिलने , हमने सोच रखा है रात यों गुजारेंगे , के धड़कने बिछा देंगे तेरे शोक़ क़दमों में , हम निगाह से तेरी आरती उतारेंगे |