रात क्या ज़िंदगी गुज़री तेरे बगैर जाग कर उम्र गुज़ारी तेरे बगैर फूलों पर भी कांटो को महसूस किया है हमने इस तरा ह हयात गुज़ारी तेरे बगैर
याद तेरी हर पल सताती है मुझे रात को नींद नहीं आती है मुझे जब भी तेरा हसीन खयाल आता है मुझे फिर बड़ी चैन की सांस आती है मुझेri
पहले पथरों पर भी नींद आ जाती थी हमें रेशमी बिस्तर भी सताता हैअब हमें करवट बदल गुजरती है हर रात अब मेरी याद तेरी हर रात जगाती है अब हमें
तेरी याद जगाती है यूँ रातों मैं चैन आता नहीं ख़्वाहिश -ए मुलाक़ातों मैं लिपट गए है मेरे ख्वाब तेरी यादों से ज़िंदगी मदहोश है प्यार के जज़्बातों मैं
तनहाई मैं मुसकुराना इश्क़ है इस बात को छुपाना इश्क़ है रात मैं आहें भरना इश्क़ है तड़प के दिल को थाम लेना इश्क़ है
रातों को तेरा तस्सवुर सताता है अब हमें एक पल भी नहीं चैन आता है अब हमें सब पूछते हैं हमसे क्यों तकते हो आसमां को क्या बताओं चाँद में नज़र आता है तू हमें
हम कहाँ अपनी तबाही का गीला करते हैं , दिल भी रोता है तो खामोश रहा करते हैं !
दिल धड़कने का सबब याद आया , वो तेरी याद थी अब याद आया !
एक हवेली थी दिल मुहल्ले में , अब वो वीरान हो गई होगी !
बे दिली क्या यों ही दिन गुज़र जाएंगे , सिर्फ ज़िंदा रहे हम तो मर जाएंगे!
शोर बरपा है खानाए दिल में , कोई दीवार सी गिरि है अभी !
इसका रोना नहीं क्यों तुमने किया दिल बर्बाद , इसका गम है के बहुत देर में बर्बाद किया !
मुझको डर है तेरे वादे पे भरोसा करके , मुफ्त में ये दिल -ए उलफ़त न मारा जाए !
आप तो नजदीक से नजदीक तर आते गए , पहले दिल ,फिर दिलरुबा ,फिर दिल के मेहमा हो गए !
दिल की चोटों ने कभी चैन से सोने न दिया , जब चली सर्द हवा मैंने तुझे याद किया !
तुझे छीन ले न मुझसे किसी मोड पर ज़माना , कभी भूल कर भी दिल में ये ख़याल तक न लाना मेरे बाग में है तुझसे ये बहार याद रखना तू जहां कहीं भी जाए मेरा प्यार याद रखना !
अब इसमे अपनी सूरते जाना ना देखिये , अब दिल के आईने में कई बाल आ गए !
तूने कुछ भी ना कहा हो जैसे , मेरे ही दिल की सदा हो जैसे यों तेरी याद से जी घबराया तू मुझे भूल गया हो जैसे !
इस तराह तुझसे किये हैं शिकवेमुझको अपने से गीला हो जैसे तूने कुछ भी ना कहा हो जैसे मेरे ही दिल की सदा हो जैसे !
मेरे ज़िंदगी के मालिक मेरे दिल पे हाथ रखना , तेरे आने की खुशी में मेरा दम निकाल ना जाए !
हाले दिल हम भी सुनते लेकिन जब वो रुख़सत हुए तब याद आया !
तुम को तो ख़बर है इस दिल की अनजान से क्यों बन जाते हो इजहारे वफा करते -करते क्या बात है क्यों रूक जाते हो!
दिल ही दिल में ख़तम हो कर धड़कने रह जाएंगी , वो ना आएंगे तो मिटकर चाहते रह जाएंगी !
जिनको जीने के ढंग आते हैं , वादे अक्सर वो भूल जाते हैं आँख उठाकर दुआएँ मत दीजिये दिल में लाखों खयाल आते हैं !
प्यास वो दिल की बुझाने कभी आया ही नहीं , कैसा बादल है जिसका कोई साया भी नहीं बेरुखी इससे बड़ी और भला क्या होगी एक मुद्दत से हमें उसने सताया भी नहीं!
दिल की बात लबों पर लाकर अब तक हम दुख सहते हैं हमने सुना था इस धरती पर दिल वाले भी रहते हैं !
फुरसत में पढना कभी हमे यक़ीन मानिये आपको यक़ीन हो जाएगा की लफ्जों में भी दर्द होता है
बड़ी मुश्किलों से गुजारा है ये जिंदगी का सफर, कभी कोई नहीं मिला मोहब्बत का हमसफर
बहुत अच्छा लगेगा ज़िन्दगी का ये सफ़र, आप वहा से याद करना, हम यहाँ से मुस्कुराएंगे।।
बरबाद कर देती है मोहब्बत हर मोहब्बत करने वाले को क्यूकि इश्क़ हार नही मानता और दिल बात नही मानता
अगर परछाईयाँ कद से और बातें औकात से बड़ी होने लगे तो समझ लीजिये कि सूरज डूबने ही वाला है.
आती और जाती सांसों के बीच में एक ठहराव है, वो ठहराव हो तुम
तुम मेरे शब्दों को इतनी शिद्दत से ना पढ़ा करो, कुछ याद रह गया तो भूल नहीं पाओगी
नहीं मालूम हसरत है या तू मेरी ख्वाहिश, बस इतना जानता हूं मुझे तेरी ज़रूरत है.
वक्त की थपेड़ो ने सिखा दी हमें होशियारी, वरना हम भी कभी मासूमियत की हद तक मासूम थे !
किसी से नाराज होना मेरी फितरत में नहीं है, नाराज तो वो होते है जिन्हे खुद पर घमंड होता है.
मुझे क़बूल है हर दर्द हर तकलीफ़ तेरी चाहत में, सिर्फ़ इतना बता दे, क्या तुझे मेरी मोहब्बत क़बूल है?
जरा सी मोहब्बत कर ले मुझसे जरा सा हमनशीं बन जा, थोड़ा तो साथ दे मेरा फिर चाहे तो तू अजनबी हो जा.
मेरे हालात की बेहतरी के लिए, लाज़िम है कि मेरा हाल न पूछा जाए
नज़र में रखा, उसे लेकिन, नज़र भर के नहीं देखा, क्योकि नज़र न लग जाए उसे, इसलिये मैंने उसकी तरफ नहीं देखा।
किसी की आदत हो जाना, मोहब्बत होने से भी ज्यादा खतरनाक है
दिल लगाओ तो जुदा होने की हिम्मत भी रखना, क्योंकि जिंदगी में तकदीर के साथ सौदे नही होते,
छोटी सी जिंदगी है हंस के जियो, भुला के गम सारे दिल से जियो. उदासी में क्या रखा है मुस्कुरा के जियो, अपने लिए न सही अपनों के लिए जियो.
मोहब्बत सिर्फ देखने से नही, कभी कभी बातो से भी हो जाती है।।
ज़रूरी नहीं, कि नज़दीकियों में ही प्यार हो, फ़ासलों में भी, इश्क़ की बुलंदियाँ देखी है हमने!
मेरी मोहब्बत ही देखनी है तो गले लगाकर देखो, अगर धडकन ना रूक गयी तो मोहब्बत ठुकरा देना।।
तुझपर ये मेरी दोस्ती नही जंचती, आओ मोहब्बत का दौर शुरू करें
चाहने वाले हज़ार हैं मेरे, ये दो चार दुश्मनों से #फर्क नहीं पड़ता मुझे
कुछ गुजरे लम्हे मिले थे आज, तुम्हारी खैरियत पूछ रहे थे
मुझे रख दिया छाँव में खुद जलते रहे धूप में, मैंने देखा है ऐसा एक फरिश्ता अपने पिता के रूप में।