ये दिल ही तो जानता है मेरी मोहब्बत का आलम,
की मुझे जीने के लिए सांसो की नहीं तेरी जरूरत हैं..
ना तोल मेरी मोहब्बत अपनी दिल्लगी से देखकर मेरी चाहत को अक्सर तराजु टुट जाते हैं..
मेरे Status ना डालने से नाराज ना हो जाना कभी,
दोस्तों क्योकि दिल से चाहने वाले तो अकसर खामोश ही रहते है |
अब नींद से कहो हम से सुलह कर ले,
वो दौर चला गया जिसके लिए हम जागा करते थे..
जिसने मेरी आँखों की शरारत नहीं देखी,
वो लाख कहें पर उन्होंने मेरी मोहब्बत नहीं देखी..!
तू लाख दुआ कर ले मुझसे दूर जाने की,
मेरी दुआ भी उसी खुदा से है तुझे करीब लाने की..!
तेरे चेहरे की चमक से दिखाई देता है ऐ बेवफा,
तू जरूर किसी शायर की गजल रही होगी !
तेरी नफरत में वो दम कहाँ,
जो मेरी चाहत को कम कर दे !!
तुम कुछ भी कहो,
मुझे तो तुम्हारा इंतज़ार करना..
दूरियाँ जब बढ़ी तो गलतफहमियां भी बढ़ गयी,
फिर तुमने वो भी सुना जो मैंने कहा ही नही...
हम रोए भी तो वो जान ना सके…
वो उदास भी हुए हुए तो हमें खबर हो गई..💙
ए-ज़िँदगी ख़त्म कर अब आती-जाती साँसोँ के सिलसिले..
मै थक गया हूँ ख़ुद को ज़िँदा समझते-समझते..
ऐ चाँद चला जा क्यूँ आया है तू मेरी चौखट पर,
छोड़ गया वो शख्स जिसके धोखे में तुझे देखते थे...
परिंदो को मिलेगी मंज़िल एक दिन, ये फैले हुए उनके पर बोलते है, और वही लोग रहते है खामोश अक्सर, ज़माने में जिनके हुनर बोलते है ..
“सुकून” की बात मत कर ऐ ग़ालिब, बचपन वाला” इतवार”अब नहीं आता..!
*अब मुश्किल में मुझे अपना घर लगता है।* *जान आफत में खतरे में सर लगता है।* *शेर आ जाये मुकाबिल मे कोई बात नहीं।* *गाय पीछे से गुजर जाये तो डर लगता है*
बहुत अंदर तक तबाही मचाता है, वो आंसू जो आँखों से नहीं बह पाता है...
मंज़िलों को गुमराह कर देते हैं कई लोग, हर किसी से रास्ता पूछना ठीक नहीं होता..
जरा सी जेब क्या फटी , सिक्कों से ज्यादा रिश्ते गिर पड़े..
उम्र जाया कर दी लोगों ने औरों के वजूद में नुक्स निकालते निकालते, इतना ही खुद को तराशा होता तो फ़रिश्ते बन जाते..
कौन कहता है आंसुओं का वज़न नहीं होता, एक भी छलक जाता है तो मन हल्का हो जाता है..
गम तो हर एक को है, मगर हौंसला है जुदा जुदा.. कोई टूट कर बिखर गया, कोई मुस्कुरा के चल दिया..
उस ने खाली स्कूटर थोड़ी देर हिलाया, बच्चे समझदार थे पैदल ही स्कूल चले गए..
इंसान कहता है पैसा आए तो कुछ करके दिखाऊं, पैसा कहता है कुछ करके दिखा तो मैं आऊं..
सफर का मज़ा लेना हो तो सामान कम रखिये, ज़िन्दगी का मज़ा लेना हो तो अरमान कम रखिये..
ज़रा सी रंजिश से छोड़ न देना अपनों का दामन, उम्र बीत जाती है अपनों को अपना बनाने में..
मझे दर्द देते हो कोई बात नहीं, कुछ तो सच्चे दिल से देते हो..
सापों के मुक़द्दर में वह ज़हर कहाँ, जो इंसान आज कल बातों बातों में उगल देते हैं..
बड़ी मुश्किल से सीखा है, खुश रहना उनके बगैर, सुना है यह बात भी उन्हें थोड़ा परेशान सी करती है..
उसके दिल पर भी क्या खूब गुजरी होगी,
जिसने इस दर्द का नाम मोह्बत रखा हो गया..
मोहबत ज़िंदगी बदल देती है,
मिल जायें तो भी, न मिले तो भी..🙇
तुम गये तो फिर सुबह ही नहीं हुई,
बस रात ही होती रही हर रात के बाद..🌃
अजीब सी उलझन में जी रहा हूँ,
जिसे कभी पाया नी, उसे ही खोने से दर रहा हूँ..🙇
वाकई पथर दिल ही होते है, हम दिलजले "शायर" वरना अपनी आह पर वाह सुनना कोई मजाक नहीं..😞
वो तेरा नहीं किसी और का है,
ऐ-दिल चुप-चाप सो जा रात रोने के लिए नहीं सोने के होती है..🙏
किलो के भाव बिक गयी वो "कापियाँ" जिन पर कभी Very Good देखकर फूले न समाते थे..😥
वफ़ा को छोड़ो साहब !
वो खूबसूरत ही बहुत थी ।
पानी से भरी आँखे लेकर वह मुझे घूरता ही रहा,
वह आईने में खड़ा शखस परेशान बहुत था..
सो गई हैं शहर की सारी गलियां अब रात भर जागने की बारी मेरी है..
अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे, फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे, ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे, अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे।
फर्क होता है खुदा और फ़क़ीर में,
फर्क होता है किस्मत और लकीर में..
अगर कुछ चाहो और न मिले तो समझ लेना..
कि कुछ और अच्छा लिखा है तक़दीर में।
जिस दिन बंद कर ली हमने आंखें, कई आँखों से उस दिन आंसु बरसेंगे, जो कहते हैं के बहुत तंग करते है हम, वही हमारी एक शरारत को तरसेंगे.
इश्क का जिसको ख्वाब आ जाता है, समझो उसका वक़्त खराब आ जाता है, महबूब आये या न आये, पर तारे गिनने का तो हिसाब आ ही जाता है!
पूछा किसी ने कि याद आती है,
उसकी
मैं मुस्कुराया और बोला तभी तो ज़िंदा हूँ ।
तुम एक नज़र देख लो खुद को मेरी नज़र से तुम्हारी नज़रें तलाशेंगी खुद फिर मेरी नज़र को।
अधूरे जाम और अधूरी मुलाकातें... बड़ी सर्द सी है अब तेरी बातें ...
हम चाहकर भी कुछ न कर सके दोस्तों... घर भी जलता रहा और समंदर भी करीब था !!..
इश्क़ भी कीजिये और अश्क भी छुपाते रहिये .,. ज़ख्म भी खाइये और शायरी भी गुनगुनाते रहिये .
सुनो दिल की धड़कन मेरी तेज हो रही है... क्या आज भी तू अकेले में मेरे लीये रो रही है
हमें आता नही ज़ख्मों की नुमाइश करना। खुद ही रोते हैं, तड़पते हैं, बहल जाते हैं।