सबके अपने उसूल होते हैं दोस्ती के लिए कांटे भी कुबूल होते हैं
जाओ ढोंड लाओ हमारे जैसा दोस्त मिल जाए तो खुश रहना न मिले तो लोट आना
दोस्त अफ्नो से भी बढ़कर होते हैं क्योंकि वो दिल के बहुत करीब होते हैं
हमारा नसीब ही कुछ खास है तभी तो तुम जैसा दोस्त हमारे साथ है
सच्ची दोस्ती कभी गिरने नहीं देती न कभी किसी की नज़रों में और न कभी किसी के कदमों में
ज़िंदगी की उलझ्नो से डर लगता है तन्हा जीनी से डर लगता है खोना दूँ तुझ जैसे यार को ऐसे खयालात से डर लगता है
ज़िंदगी जब कहीं दूर निकाल आती हर पल हर मौड़ पर तेरी दोस्ती याद आती ज़िदगी हंसी लम्हों में गुम हो जाती परदेस में ए दोस्त तेरी याद बहुत आती
ज़िंदगी का हर ग़म बाँट लेता है दोस्त ज़िंदगी में साथ निभाता है सच्चा दोस्त रिश्ता तो उसेसे दिल का है लेकिन एक दिन जीने की वजह तलक बन जाता है दोस्त
सच्ची दोस्ती को जताने की ज़रूरत नहीं होती ये वो रिश्ता है जिसे समझने की ज़रूरत नहीं होती दोस्त चाहे जितना भी दूर हो प्यार दिखने की ज़रूरत नहीं होती
दोस्ती वो नहो जो मिट जाए कच्ची राहों की तरह कट जाए दोस्ती एक खूबसूरत एहसास है जिसमे हर खुशी सिमट जाए
दोस्ती एक हसीन अफ़साना है जो होठों पे सज जाए वो तराना है दिल से अपनाओगे तो अपना है भूल जाओगे तो सपना है
दोस्त रोज़ शायरी लिखा करो तुमहरा खूब नाम होगा जब पड़ेंगे अंडे ट्माटर रात की सब्जी का इंतेज़ाम होगा
तुम्हारा ख़याल दिल से जाने नहीं देंगे तुम्हारा जैसा दोस्त खोने भी नहीं देंगे रोज़ शराफत से मैसेज किया करो वरना मरेंगे बहुत और रोने नहीं देंगे
चोट तुझे लगे और दर्द मुझे हो दिल तेरा धड़के और आवाज़ मेरी हो खुदा करे दोस्ती में वो दिन आए नौकरी तो करे और सैलरी मेरी हो
ए दोस्त तेरे लिए हर रिश्ता तोड़ दूँ दोस्त तो कहे तो गर्लफ्रेंड छोड़ दूँ क्या इतना काफी है आज के लिए या दो चार झूठ और बोल दूँ
मेरी हंसी का हिसाब कौन करेगा मेरी गलती को माफ कौन करेगा ए मेरे दोस्त तो सलामत रहना वरना मेरी शादी में काम कौन करेगा
आँख से दूर सही दिल से कहाँ जाएगा जाने वाले तो हमें याद बहुत आएगा
मैकदे बंद करें लाख जमाने वाले शहर मैं कम नहीं आँखों से पिलाने वाले
हज़ार बार मरना चाहा निगाहों मैं डूब कर हमने फ़राज़ वो निगाहें झुका लेते हैं हमें मरने नहीं देते
उसकी आँखें सवाल करती हैं मेरी हिम्मत जवाब देती है
बहुत अंदर तक तबाही मचाता है वो आँसू जो आँखों से बेह नहीं पता है
रातों की गहराई आँखों से उतर आई कुछ खवाब थे और कुछ मेरी तनहाई ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के -हल्के कुछ तो मजबूरी थी कुछ मेरी बेवफ़ाई
आपकी आँखें उठी तो दुआ बन गई आपकी आँखें झुकी तो अदा बन गई झुक कर उठी तो हया बन गई उठ कर झुकी तो सदा बन गई
हम भटके हुए एक राही थे दुनिया की अंधेरी राहों मैं जीने की तमन्ना जाग उठी देखा जो तुम्हारी आँखों मैं जीने का सहारा देके हमें अब दूर हमी से जाते हो इज़हारे वफा करते -करते क्या बात है क्यों रूक जाते हो
सुना है तेरी आँखों मैं सितारे जगमगाते हैं इजाज़त हो तो मैं भी अपने दिल मै रोशनी कर लों
वो आंखो मैं काजल वो बालों मैं गजरा हथेली पे उसके हीना महकी-महकी ये कौन आ गयी दिलरुबा महकी-महकी फ़िजा महकी -महकी हवा महकी-महकी
अपनी आँखों मैं छुपा रखे हैं जुगनू मैंने अपनी पलकों मैं सजा रखे हैं आँसू मैंने मेरी आँखों को भी बरसात का मौक़ा दे दे सिर्फ एक बार मुलाक़ात का मौक़ा दे दे
अपनी तस्वीर को आँखों से लगाता क्या है एक नज़र मेरी तरफ देख तेरा जाता क्या है
न जाने क्या कशिश है उसकी मदहोश आँखों मैं नज़र अंदाज़ जितना भी करों नज़र उसी पर जाती है
न जाने क्या है किसी की उदास आँखों मैं वो मुंह छुपा के भी जाए तो बेवफ़ा न लगे
खुबसूरत हैऑंखें तेरी रात को जागना छोड़ दे खुद-ब-खुद नींद आ जायगी तो मुझे सोचना छोड़ दे
तेरी आँखों से कलियाँ खिलें तेरे आँचल से बादल उड़े देख ले जो तेरी चाल को मोर भी नाचना छोड़ दे
वक़्त के हाथ में डोर है अक्ल इन्सा की कमज़ोर है जो है क़िस्मत में होगा वही जानेमन सोचना छोड़ दे
तेरी आँखों से छलकी हुई जो भी एक बार पी ले अगर फिर वो मयख्वार ए साकिया जाम ही मांगना छोड़
ये जो नज़रों से तुम मेरे दिल पर वार करते हो करते तो ज़ूल्म हो, साहिब मगर कमाल करते हो
मेरे बस में अगर होता हटा कर चाँद तारों को मैं नीले आसमां पे बस तेरी आँखें बना देता
अब तो उसे से मिलना और भी ज़रूरी हो गया है सुना है उसकी आँखों मैं मेरा अक्स नज़र आता है
उसने आँखों से आँखें जब मिला दी ज़िंदगी झूम कर मुस्कुरा दी ज़ुबान से तो हम कुछ न कह सके पर आँखों ने दिल की कहानी सुना दी
सागर से गहरी हैं आपकी आँखें दिल की खुशी है आपकी आँखें प्यार का जाम हैं आपकी आँखें छुपाए कई राज़ हैं आपकी आँखें ले लेंगी मेरी जान आपकी आँखें
भीगी-भीगी रातों मैं प्यार हम करें आओ मेरे साथिया प्यार हम करें
खुदा करे ये घटा आज टूट कर बरसे मैं देखता ही रहों तुझको जी भर के दिल का रिश्ता जोड़के सारी दुनिया छोड़के भीगी-भीगी रातों मैं प्यार हम करें
हज़ार रातों पे भरी ये रात हो जाए ये लब हिले न हिले और बात हो जाए हलचल है अरमानों मैं मस्ती है तूफानों मैं भीगी-भीगी रात मैं प्यार हम करें
देखो चिरगे -शाम जली रात हो गई फिर मैकदे मैं नूर की बरसात हो गई बे नाम सी ख़लिश है नज़र बदहवास है कोई सबब नहीं है मगर दिल उदास है कितनी अजब सुरते हालत हो गई फिर मैकदे मैं नूर की बरसात हो गई
एक रात को उसने मुझे सोता हुआ छोड़ा चल दो वो कहीं प्यार को रोता हुआ छोड़ा
तक़दीर किसी को बूरे दिन ना दिखाए होते हैं बूरे वक़्त मैं अपने भी पराये
जहाँ तलक ये हसीं गुनगुनाती रात चले नज़र-नज़र से मिले दिल से दिल की बात चले हमारे दिल की तड़प कुछ तो अपने काम आए किसी का नाम लूँ लब पे तुम्हारा नाम आए
बे नाम सी ख़लिश है नज़र बदहवास है कोई सबब नहीं है मगर दिल उदास है कितनी अजब सुरते हालत हो गई फिर मैकदे मैं नूर की बरसात हो गई
ए दिल तेरी आहों में असर है की नहीं जो हाल इधर है वो उधर है की नहीं जिनकी खातिर रातें मेरी बे- खवाब होईं उनको मेरे इस गम की खबर है की नहीं
जब बहारें चमन मैं खिलती हैं तेरी ज़ुल्फों की बात होती है ये जो सुलझे तो दिन निकलता है ये जो उलझे तो रात होती है
नींद नहीं आती जागता रहता हों मैं तेरे इंतज़ार में बेक़रार रहता हों मैं आ जा बता दूँ तुझे , दिल का अरमान है तू कैसे कहों तू मोहब्बत है मेरी याद में तेरी तड़पता हों मैं तुझे कोई और देखे तू बर्दाश्त नहीं होता है मुझे अब समझ जा,के तू चाहत है मेरी तू ही ख़्वाहिश तू ही तमन्ना है मेरी तू पहली तू ही आखिरी मुहब्बत है मेरी दूर भी हों तो महसूस करता हों तुझे पास आओ तो महकती हैं सांसें मेरी रूह की प्यास है दिल का अरमान है तू तू जाने तमन्ना है रगे जाँ है मेरी