किया तो प्यार पहली बार ही था,
इतना तोड़ देगा मुझे कभी सोचा भी न था !
कुछ लोग दिल के इतने खुबसुरत होते है,
कि चाहे वो ना मिले... पर उम्र भर उन्हे चाहने को दिल करता है.....🌹
आदत नशे की नही हमे, अगर आप बन जाओ नशा, शराबी हमसा न होगा कोई…!!
अब तो मतलब के लिए नाम-ए-वफा लेते हैं लोग,
जिससे मतलब हो, उसे खुदा बता देते हैं लोग..
जख्मों के निशाँ बाकी हैं मेरे वजूद में,
माना तू अब मेरा नहीं, पर तेरा प्यार अब भी बाकी है मेरे वजूद में ।
*इश्क़ का क्या हुआ है, असर देखें;* *आप ही आप हैं, अब जिधर देखें...!*💛❤💙💖💚
किसी ग़ज़ल सा लगता है नाम तुम्हरा देखो तुम्हें ❤ याद करते करते हम शायर बन गए 👓💙💚❤💖
कभी तुम पूछ लेना, कभी हम भी ज़िक्र कर लेगें.... छुपाकर दिल के दर्द को, एक दूसरे की फ़िक्र कर लेंगे.....💖❤💚💙💛
*लफ़्ज़ों पे वज़न रखने से नहीं झुकते मोहब्बत के पलड़े साहिब* *हलके से इशारे पे ही ज़िंदगियां क़ुर्बान हो जाती.💖❤💚💙💛
तेरी यादें अक्सर छेड़ जाया करती हैं कभी अा़ँखों का पानी बनकर कभी हवा का झोंका बनकर.!!!💖❤💚💙💛
मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना, कभी बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना !!💛💙💚❤💖
हजारों चेहरों में उसकी झलक मिली मुझको पर. दिल भी जिद पे अड़ा था कि अगर वो नहीं ,तो उसके जैसा भी नही.....❤💚💙💛
"तड़प के देखो किसी की चाहत में, तो पता चलेगा,
कि इंतजार क्या होता है..
यूं ही मिल जाए, कोई बिना चाहे,
तो कैसे पता चलेगा, कि प्यार क्या होता है..💛💙💚❤
फूल खिल कर उदास है, सागर को आज पानी की प्यास है, एक बार आप भी मुस्कुरा दो, क्योंकि खुदा को दुनिया की सबसे अच्छी हसी की तलाश है.❤💚💙💛
आगे सफर था और पीछे हमसफर था..
रूकते तो सफर छूट जाता और चलते तो हमसफर छूट जाता..
मंजिल की भी हसरत थी और उनसे भी मोहब्बत थी..
ए दिल तू ही बता,उस वक्त मैं कहाँ जाता...
सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब...।।
आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर।।
हुनर सड़कों पर तमाशा करता है,
और किस्मत महलों में राज करती है ।
अजीब सौदागर है ये वक़्त भी, जवानी का लालच दे के बचपन ले गया....
अब अमीरी का लालच दे के जवानी ले जाएगा. .....
लौट आता हूँ वापस घर की तरफ हर रोज़ थका-हारा,
आज तक समझ नहीं आया की,
जीने के लिए काम करता हूँ या काम करने के लिए जीता हूँ ।
बचपन में सबसे अधिक बार पूछा गया सवाल -
"बङे हो कर क्या बनना है ?"
जवाब अब मिला है, - "फिर से बच्चा बनना है.
“थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे...!!”
भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ' अपनो ' की.
जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया,
शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे,
अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है। ...!!!
हंसने की इच्छा ना हो...तो भी हसना पड़ता है...
कोई जब पूछे कैसे हो...?? तो मजे में हूँ कहना पड़ता है...
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ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तों....यहाँ हर एक को नाटक करना पड़ता है.
दुनिया के बड़े से बड़े साइंटिस्ट,ये ढूँढ रहे है की मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं,
पर आदमी ये नहीं ढूँढ रहा कि जीवन में मंगल है या नहीं।
मंदिर में फूल चढ़ा कर आए तो यह एहसास हुआ कि...
पत्थरों को मनाने में ,फूलों का क़त्ल कर आए हम
गए थे गुनाहों की माफ़ी माँगने ....वहाँ एक और गुनाह कर आए हम ।।
आज हम हैं, कल हमारी यादें होंगी,
जब हम ना होंगे, तब हमारी बातें होंगी,
कभी पलटो गे जिंदगी के ये पन्ने..
तो शायद आप की आँखों से भी बरसातें होंगी।
हौंसलों का सबूत देना था,इसलिए ठोकरें खाकर मुस्कुरा पड़े…!
ज़रूरी तो नही के हर पल तेरे पास हों
मोहब्बत और इबादत दूर से भी की जाती है
आज की मेहनत कल की ताक़त बनती है ।
तारीख गवाह हैं
जिन्हें अखबारों में बने रहने का शोक रहा हैं
वक़्त बीतने के साथ वो रद्दी के भाव बिक गए
खामोशियों से मिल रहे, खामोशियों के जवाब,
अब कैसे कहूँ कि उनसे मेरी बात नहीं होती।
गिला भी तुझ से बहुत है, मगर मोहब्बत भी,
वो बात अपनी जगह है, ये बात अपनी जगह ।
जब खामोश आँखो से बात होती है
ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है
तुम्हारे ही ख़यालो में खोए रहते हैं
पता नही कब दिन और कब रात होती है
जब से देखा है तेरी आँखों मे झाक कर,
कोई भी आईना अच्छा नहीं लगता,
तेरी मोहब्बत मे ऐसे हुए हैं दीवानें,
तुम्हें कोई और देखें अच्छा नहीं लगता।
वो हमें भूल भी जायें तो कोई गम नहीं,
जाना उनका जान जाने से भी कम नहीं,
जाने कैसे ज़ख़्म दिए हैं उसने इस दिल को,
कि हर कोई कहता है कि इस दर्द की कोई मरहम नहीं..
कोई छुपाता है, कोई बताता है,
कोई रुलाता है, तो कोई हंसाता है,
प्यार तो हर किसी को ही किसी न किसी से हो जाता है,
फर्क तो इतना है कि कोई अजमाता है और कोई निभाता है ।
हसीनो ने हसीन बनकर गुनाह किया, औरों को तो क्या हमको भी तबाह किया,
पेश किया जब ग़ज़लों में हमने उनकी बेवफ़ाई को, औरों ने तो क्या उन्होने भी वाह-वाह किया ।
ज़िन्दगी कभी भी ले सकती है करवट, तू गुमां न कर..
बुलंदियाँ छू हज़ार मगर, उसके लिए कोई गुनाह न कर।
मुस्कराहट का कोई मोल नहीं होता, कुछ रिश्तों का कोई तोल नहीं होता,
लोग तो मिल जाते है हर मोड़ पर, हर कोई आप सब की तरह अनमोल नहीं होता!
तुझे चाहा भी तो इजहार न कर सके,
कट गई उम्र किसी से प्यार न कर सके,
तुने माँगा भी तो अपनी जुदाई मांगी,
और हम थे की इंकार न कर सके।
हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने की, कोई ख्वाहिश नहीं इस दीवाने की,
शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है, क्या ज़रूरत थी तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की!
मुस्कुराते पलको पे सनम चले आते हैं,
आप क्या जानो कहाँ से हमारे गम आते हैं,
आज भी उस मोड़ पर खड़े हैं,
जहाँ किसी ने कहा था कि ठहरो हम अभी आते है।
टूटने लगे हौसले तो ये याद रखना,
बिना मेहनत के तख्तो-ताज नहीं मिलते,
ढूंढ़ लेते हैं अंधेरों में मंजिल अपनी,
क्योंकि जुगनू कभी रौशनी के मोहताज़ नहीं होते…
इतनी पीता हूँ कि मदहोश रहता हूँ,
सब कुछ समझता हूँ पर खामोश रहता हूँ,
जो लोग करते हैं मुझे गिराने की कोशिश,
मैं अक्सर उन्ही के साथ रहता हूँ।
मयखाने से बढ़कर कोई ज़मीन नहीं,
जहाँ सिर्फ कदम लड़खड़ाते हैं ज़मीर नहीं..
ग़ालिब से दोस्त ने कहा " सुना है जो शराब पीते हैं उनकी दुआ क़ुबूल नहीं होती "
ग़ालिब ने कहा " जिन्हे शराब मिल गयी उन्हें दुआ की ज़रूरत नहीं होती"
मयखाने से पुछा " इतना सन्नाटा क्यों है साहिब" बोला " लहू का दौर है शराब कौन पीता है"
पीते थे शराब हम उसने छुड़ाई अपनी कसम देकर,
महफ़िल में गए यारों ने पिलाई उसकी कसम देकर..
दुनिया में झूठों को बहुत हुनर आते हैं,
सच्चे लोग तो आरोपों से ही मर जाते हैं..