बुरे वक़्त का लम्हा हूँ,अंधा, गूंगा, बहरा हूँ…...!!!
प्यार, एहसान, नफरत, दुश्मनी जो चाहो वो मुजसे करलो,आप की कसम वही दुगुना मीलेगा.....!!!
जो बात "हम" में थी,वो बात ना "तुम" में हैं, ना "मुझ" में हैं....!!!
वही हुआ न तेरा दिल, भर गया मुझसे,कहा था न ये मोहब्बत नहीं हैं, जो तुम करती हो….!!!
मोहब्बत भी ठंड जैसी है,लग जाये तो बीमार कर देती है.....!!!
सुनो एक बार और मोहब्बत करनी है तुमसे,लेकिन इस बार बेवफाई हम करेंगे....!!!
झूठ कहते हैं लोग कि मोहब्बत सब कुछ छीन लेती है,मैंने तो मोहब्बत करके ग़म का खजाना पा लिया....!!!
बस तुम्हेँ पाने की तमन्ना नहीँ रही,मोहब्बत तो आज भी तुमसे बेशुमार करतेँ हैँ....!!!
क्या नाम दूँ मैं अपनी मोहब्बत को,कि ये तेरा सिवा किसी और से होती ही नहीं....!!!
चुपचाप गुज़ार देगें तेरे बिना भी ये ज़िन्दगी,लोगो को सिखा देगें मोहब्बत ऐसे भी होती है.....!!!
तेरी मोहब्बत की तलब थी इस लिए हाथ फैला दिए,वरना हमने तो कभी अपनी ज़िंदगी की दुआ भी नही माँगी.....!!!
ना प्यार कम हुआ है ना ही प्यार का अहेसास,बस उसके बिना जिन्दगी काटने की आदत हो गई है......!!!
प्रेम का सबसे बड़ा सबूत विश्वास होता है.....!!!
प्रेम ज़िन्दगी है, अगर प्रेम खो गया, तो ज़िन्दगी खो गयी......!!!
प्यार वहां सबसे ज्यादा मौजूद होता है,जहां इसकी इतनी जरुरत नहीं होती.....!!!
मोहब्बत इंसान को इतना कुछ सीखा देती है,जो वो पूरी ज़िन्दगी में नही सीख पाता......!!!
अजीब है ख्वाइशओ के सिलसिले भी,नसीब से समझोता किए बैठे है…!!!
मैंने अपनी मौत की अफवाह उड़ाई थी,दुश्मन भी कह उठे आदमी अच्छा था…!!!
जरुरत तोड देती है इन्सान के घमंड को,न होती मजबुरी तो हर बंदा खुदा होता…....!!!
तुम चाहे मर्ज़ी जिस रास्ते से आना,मेरे चारो ओर आज भी सिर्फ मोहब्बत है....!!!
उसकी जीत से होती हे ख़ुशी मुझको,यही जवाब मेरे पास अपनी हार का था….!!!
क्यूँ सताते हो हमे बेगानो की तरह,कभी तो चाहो चाहने वालों की तरह.....!!!
मरने का मज़ा तो तब है,जब कातिल भी जनाजे पे आकर रोये.....!!!
नींद तो बचपन में आती थी,अब तो बस थक कर सो जाते है......!!!
ये जो मेरे क़ब्र पे रोते है,अभी उठ जाऊँ.. तो जीने ना दे…..!!!
मेरा खुदसे मिलने को जी चाहता हे,काफी कुछ सुना हे मैंने अपने बारे में......!!!
हर एक लकीर, एक तजुर्बा है जनाब,झुर्रियां चेहरों पर, यूँ ही आया नही करती….!!!
मुजे ज़िंदगी से कोई गीला नहीं,बस, जीसे चाहा वो मीला नहीं......!!!
वक़्त रहते संभाल लो मुझे,कहीं तुम मुझे खो दो और तुम्हे खबर भी न हो.....!!!
खुदा की मोहब्बत को फना कौन करेगा,सभी बन्दे नेक तो गुनाह कौन करेगा.......!!!
सबर कर बन्दे मुसीबत के दिन भी गुज़र जायेंगे,हसी उड़ाने वालो के भी चेहरे उतर जायेंगे…!!!
जो भी हूं तेरा ही हूं,मुझसे ऐ मेरी जान मेरी जात न पूछ.....!!!
जरा बताओ तो.. किसे गुरुर है अपनी दौलत पर,चलो उसे बादशाहों से भरा कब्रस्तान दिखाता हु.......!!!
जिसके पास थोडा है वह गरीब नही है,लेकिन जो अधिक पाने की इच्छा रखता है वह गरीब है.....!!!
किताबों की तरह हैं हम भी,अल्फ़ाज़ से भरपूर, मगर ख़ामोश….!!!
बारूद मेरे अन्दर का भीग गया तेरे आंसुओं से,वरना ये दिल एक बड़ी घटना को अंजाम दे देता…!!!
थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी,मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे…!!!
खुशनसीब वो नहीं, जिसका नसीब अच्छा है,खुशनसीब वो है जो अपने नसीब से खुश है....!!!
हजार जवाबों से अच्छी है खामोशी,ना जाने कितने सवालों की आबरू रखती है…!!!
ख्वाइशों से भरा पड़ा है घर इस कदर,रिश्ते ज़रा सी जगह को तरसतें हैं....!!!
मुझे ऊंचाइयों पर देखकर हैरान है बहुत लोग,पर किसी ने मेरे पैरो के छाले नहीं देखे…!!!
वैसा ज़माना आ गया जैसा सूना था,रोग सस्ते और दवा महँगा हो गया.....!!!
ज़िन्दगी भर के इम्तिहान के बाद,वो नतीजे में किसी और के निकले.....!!!
बरसी मनाने आ ही जाओ,वापस दिन आ गया जुदा होने वाला....!!!
ठोकरें खाकर भी ना संभले तो मुसाफिर का नसीब,राह के पत्थर तो अपना फ़र्ज़ अदा करते हैं.....!!!
आज अजीब क़िस्सा देखा हमने खूदखुशी का,एक शख़्स ने ज़िंदगी से तंग आ कर मोहब्बत कर ली....!!!
सब समझते है, बात मतलब की,किस ने समझा है, बात का मतलब….!!!
ये मौत भी अजीब चीज़ है दोस्तों,एक दिन मरने के लिए पूरी जिंदगी जीना पड़ती है…!!!
तेरी पहचान भी न खो जाए रफ्ता रफ्ता,इतने चेहरे न बदल थोड़ी सी शोहरत के लिए…!!!
बहुत देखा जीवन में समझदार बन कर,पर ख़ुशी हमेशा पागल बनने पर आयी.....!!!