किसीसे कभी इतना भी प्यार मत करना, की जब वो आपको छोड़कर जाए तो आप जीना ही भूल जाए !!
कुछ इस तरह से तोड़े है ताल्लुक उसने, की एक मुद्दत से ढूंढ रहे है कुसूर अपना !!
जिसके लिए सबकुछ छोड़ दिया था मैंने, आज उसीने वक्त आने पर मेरा साथ छोड़ दिया !!
बदल गया क्यूँ मिजाज उसका कुछ ही मुद्दत में, वो तो कहता था बदलते लोग उसे अच्छे नहीं लगते !!
तुझको दिल से निकालने के लिये, खुद को दिल से निकाल दिया मैंने !!
मेरे लफ्जों में ज़िंदा रहने वाले, तेरी ख़ामोशी में मर गई हूँ मैं !!
किसीको भूलने की कोशिश ना करना कभी, ये दवा जख्मों को और भी हरा कर देती है !!
मेरे अंदर कुछ टुटा है, बस दुआ करो की वो दिल ना हो !!
कई चहेरे लिए लोग यहाँ जिया करते है, और हम आँसुओ को एक चहेरे के लिए पीया करते है !!
साथ में जीने का वादा तो कर लिया, पर निभा भी लेते तो अच्छा होता !!
सिर्फ इतना उसे बता देना, मुझे आता नहीं भुला देना !!
टूटकर बिखर जाता है मेरा नाजुक सा दिल, जब कोई पूछता है क्या तुमने कभी प्यार किया है !!
अपनी रातें उनके लिए ख़राब करना छोड़ दो दोस्तों, जिनको ये भी परवाह नहीं की तुम सुबह उठोगे भी या नहीं !!
हाथों की लकीरे पढ़ कर रो देता है दिल, सब कुछ तो है मग़र तेरा नाम क्यूँ नहीं है !
जख्मी हथेलियों का सबब ना पूछो क्या है, एक लकीर खींची है तुम्हें पाने के खातिर !!
शौक भी खत्म हो गया जिंदगी जीने का, अब क्या मरने के बाद यकीन करोगे हमारी चाहत पर !!
जान ले लेता है वो एक छोटा सा पल भी, जब बेहिसाब प्यार के बाद वो कहे की हम कभी एक नहीं हो सकते !!
सोचकर यही मंदिर और मस्जिद भी दंग हैं,
हमें खबर ही नहीं और हमारी ही जंग है
जिनके उपर जिम्मेदारीओ का बोझ होता है,
उनको "रुठने" और "टूटने" का हक नही होता..!!
आज सुबह से ही तेरा नाम होठों पे है
आज सुबह से ही ज़ायका मीठा सा है
तेरी डिब्बे की वो दो रोटिया कही बिकती नहीं
माँ मेंहगे होटलों में आज भी भूख मिटती नहीं..
"जो हैरान हैं मेरे सब्र पर, उन से कह दो
जो आंसू ज़मी पर नहीं गिरते, दिल चीर जाते हैं।"
मैंने महसूस किया है उस जलते हुए रावण का दुःख,
जो सामने खड़ी भीड़ से बार-बार ये पूछ रहा था कि तुम में से कोई राम है क्या.....✍✍✍✍
हर इंसान दिल का बुरा नहीं होता..
बुझ जाता है दीपक अक्सर तेल की कमी केे कारण,
हर बार कसूर हवा का नहीं होता..✍✍✍
"बस इतना चाहिए तुझसे ए ज़िन्दगी कि ज़मीं पर बैठूँ तो लोग उसे बड़प्पन कहें, औक़ात नहीं।"
पतझड़ में तो पत्ते गिरते है
नज़रों से गिरने का कोई मौसम नहीं होता ❤️❤️
सबूत हर एक बात का देना पड़ रहा है
भरोसा वाकई बहुत बुरे दौर में आ पहुँचा है
"शक न कर मेरी हिम्मत पर,
मैं ख़्वाब बुन लेता हूँ
टूटे धागों को जोड़कर।"
दस्तक और आवाज तो कान के लिए है
जो रूह को सुनाई दे उसे ख़ामोशी कहते है
ज़माने में आए हो तो जीने का हुनर रखना
दुश्मनों से ख़तरा नहीं बस अपनों पे नज़र रखना..✍️
सितारों में और इंसान में कोई फर्क नहीं होता
दोनों ही किसी की ख़ुशी के लिए खुद को तोड़ लेते हैं..✍️
जमाना तो बड़े शौक से सुन रहा था,
हम ही रो पड़े दास्तां सुनाते सुनाते।।
जो फकीरी मिजाज रखते हैं
वो ठोकरों में ताज रखते हैं,
जिनको कल की फ़िक्र नहीं
वो मुठ्ठी में आज रखते हैं।
कुछ कहानियां अक्सर अधूरी रह जाती हैं,
कभी पन्ने कम पड़ जाते हैं कभी स्याही सूख जाती है
फर्क था हम दोनो की मोहब्बत मे
मुझे उससे ही थी उसे मुझसे भी थी
साथ रहने का वादा तो तूने ना निभाया,☹️ पर,
अब हम तुमसे दूर रहने का वादा जरूर निभाएंगे☺️
जो पढ़ा है उसे जीना ही मुमकिन नहीं
इसीलिए ज़िन्दगी को मैं किताबों से दूर रखता हूँ..✍️
जब तक दर्द गेहरा नही हो जाता
कम्बखत दुनियावाले भी नजर अंदाज़ करते है
काश मैं लौट पाऊं बचपन की उन वादियों में 💝
जहां न कोई जरूरत थी और न ही कोई जरूरी_था!!
बस एक बात पूछनी थी
कि
खुश तो हो न तुम।♥️♥️
राहों का ख़्याल है मुझे, मंज़िल का हिसाब नहीं रखता..!!
अल्फ़ाज़ दिल से निकलते है,मैं कोई किताब नहीं रखता..!!
कौन कहता है कि दूरियां हमेशा किलोमीटरों में नापी जाती हैं....!!
कभी कभी "ख़ुद" से मिलने में भी "जिंदगी" गुज़र जाती है....!!!
💞 नज़रों से ना देखो हमें.. तुम में हम छुप जायेंगे..
अपने दिल पर हाथ रखो तुम.. हम वही तुम्हें मिल जायेंगे..! 💞
तलाश कर अपने दिल में मेंरी कमी को
अगर थोड़ा सा भी दर्द हूआ तो समझ लेना मोहब्बत अभी बाकी है
वो जब बिखरा तो हमने ये तमाशा देखा
लोग गिरे हुए मकान की ईंटे तक के गए..✍️
हाथों में हाथ दोस्तों का रहा
ज़िन्दगी मर के भी जिंदा रही।
कभी पड़ोसी भी घर का हिस्सा हुआ करते थे
आज एक ही घर में न जाने कितने पड़ोसी हैं..💔
मैं तो सोच रहा था नशे का सामान लेने के लिए
पर तेरी आँखें काफी हैं, मेरी जान लेने के लिए
रहने दे मुझे इन अंधेरो में ग़ालिब
कमबख़्त रौशनी में अपनो के असली चेहरे सामने आ जाते हैं
खाक_मुट्ठि_मे_लिये_क़बर_की_सोचता_हूँ_ग़ालिब
इंसान_जो_मरते_हैं_तो_उनका_गुरूर_कहाँ_जाता_है