खफा न होना हमसे, अगर तेरा नाम जुबां पर आ जाये; इंकार हुआ तो सह लेंगे और अगर दुनिया हंसी, तो कह देंगे; कि मोहब्बत कोई चीज़ नहीं, जो खैरात में मिल जाये; चमचमाता कोई जुगनू नहीं, जो हर रात में मिल जाये;
ना आना लेकर उसे मेरे जनाजे में; मेरी मोहब्बत की तौहीन होगी; मैं चार लोगो के कंधे पर हूंगा; और मेरी जान पैदल होगी!
कोई छुपाता है, कोई बताता है; कोई रुलाता है, तो कोई हंसाता है; प्यार तो हर किसी को ही किसी न किसी से हो जाता है; फर्क तो इतना है कि कोई अजमाता है और कोई निभाता है!
रात होगी तो चाँद दुहाई देगा; ख्वाबों में आपको वह चेहरा दिखाई देगा; ये मोहब्बत है, ज़रा सोचकर करना; एक आंसू भी गिरा तो सुनाई देगा!
इश्क का जिसको ख्वाब आ जाता है; समझो उसका वक़्त खराब आ जाता है; महबूब आये या न आये; पर तारे गिनने का तो हिसाब आ ही जाता है!
दो दिलो की मोहब्बत से जलते हैं लोग; तरह-तरह की बातें तो करते हैं लोग; जब चाँद और सूरज का होता है खुलकर मिलन; तो उसे भी “सूर्य ग्रहण” तक कहते हैं लोग!
छुपा लूं तुझको अपनी बाँहों में इस तरह, कि हवा भी गुजरने की इजाज़त मांगे; मदहोश हो जाऊं तेरे प्यार में इस तरह, कि होश भी आने की इजाज़त मांगे!
एक जनाजा और एक बारात टकरा गए; उनको देखने वाले भी चकरा गए; ऊपर से आवाज आई-ये कैसी विदाई है; महबूब की डोली देखने साजन कि अर्थी भी आई है।
लोग कहते हैं पिये बैठा हूँ मैं; खुद को मदहोश किये बैठा हूँ मैं; जान बाकी है वो भी ले लीजिये; दिल तो पहले ही दिये बैठा हूँ मैं।
ना जाने वो कौन तेरा हबीब होगा; तेरे हाथों में जिसका नसीब होगा; कोई तुम्हें चाहे ये कोई बड़ी बात नहीं; लेकिन तुम जिसको चाहो, वो खुश नसीब होगा!
आँखों में आंसुओं की लकीर बन गई; जैसी चाहिए थी वैसी तकदीर बन गई; हमने तो सिर्फ रेत में उंगलियाँ घुमाई थी; गौर से देखा तो आपकी तस्वीर बन गई!
जो दिल से करीब हो उसे रुसवा नहीं कहते; यूं अपनी मोहब्बत का तमाशा नहीं करते; खामोश रहेंगे तो घुटन और बढ़ेगी; इसलिए अपनों से कोई बात छुपाया नहीं करते!
वफ़ा का लाज हम वफा से निभायेगें; चाहत के दीप हम आँखों से जलाएंगे; कभी जो गुजरना हो तुम्हें दूसरे रास्तों से; हम फूल बनकर तेरी राहों में बिखर जायेंगे!
सब कुछ है मेरे पास पर दिल की दवा नहीं; दूर वो मुझसे हैं पर मैं खफा नहीं; मालूम है अब भी वो प्यार करते हैं मुझसे; वो थोड़ा सा जिद्दी है, मगर बेवफा नहीं!
धोखा दिया था जब तूने मुझे, जिंदगी से मैं नाराज था; सोचा कि दिल से तुझे निकाल दूं, मगर कंबख्त दिल भी तेरे पास था।
तुम्हारी दुनिया से जाने के बाद; हम तुम्हें हर एक तारे में नज़र आया करेंगे; तुम हर पल कोई दुआ माँग लेना; और हम हर पल टूट जाया करेंगे।
जब भी उनकी गली से गुज़रता हूँ; मेरी आंखें एक दस्तक दे देती हैं; दुःख ये नहीं, वो दरवाजा बंद कर देते हैं; खुशी ये है, वो मुझे अब भी पहचान लेते हैं!
कोई चाँद से मोहब्बत करता है; कोई सूरज से मोहब्बत करता है; हम उनसे मोहब्बत करते हैं; जो हमसे मोहब्बत करते हैं।
चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो; सांसों में मेरी खुशबु बन के बिखर जाते हो; कुछ यूँ चला है तेरे ‘इश्क’ का जादू; सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो।
इश्क है वही जो हो एक तरफा; इजहार है इश्क तो ख्वाईश बन जाती है; है अगर इश्क तो आँखों में दिखाओ; जुबां खोलने से ये नुमाइश बन जाती है।
वफा के बदले बेवफाई ना दिया करो; मेरी उम्मीद ठुकरा कर इंकार ना किया करो; तेरी मोहब्बत में हम सब कुछ खो बैठे; जान चली जायेगी इम्तिहान ना लिया करो।
खुशबू ने फूल को एक अहसास बनाया; फूल ने बाग को कुछ खास बनाया; चाहत ने मोहब्बत को एक प्यास बनाया; और इस मोहब्बत ने एक और देवदास बनाया।
आँखों में आंसुओं की लकीर बन गई; जैसी चाहिए थी वैसी तकदीर बन गई; हमने तो सिर्फ रेत में उंगलियाँ घुमाई थी; गौर से देखा तो आपकी तस्वीर बन गई।
दिल की किताब में गुलाब उनका था; रात की नींदों में ख्वाब उनका था; कितना प्यार करते हो जब हमने पूछा; मर जायेंगे तुम्हारे बिना यह जवाब उनका था।
दिल में प्यार का आगाज हुआ करता है; बातें करने का अंदाज हुआ करता है; जब तक दिल को ठोकर नहीं लगती; सबको अपने प्यार पर नाज हुआ करता है
कब तक रहोगे आखिर यूं दूर हमसे; मिलना पड़ेगा आखिर एक दिन जरूर हमसे; दामन बचाने वाले ये बेरुखी है कैसी? कह दो अगर हुआ है कोई कसूर हमसे!
बहते अश्कों की ज़ुबान नहीं होती; लफ़्ज़ों में मोहब्बत बयां नही होती; मिले जो प्यार तो कदर करना; किस्मत हर कीसी पर मेहरबां नहीं होती।
ज़िन्दगी सिर्फ मोहब्बत नहीं कुछ और भी है; ज़ुल्फ़-ओ-रुखसार की जन्नत नहीं कुछ और भी है; भूख और प्यास की मारी हुई इस दुनिया में; इश्क ही इक हकीकत नहीं कुछ और भी है!
तक़दीर के आईने में मेरी तस्वीर खो गई; आज हमेशा के लिए मेरी रूह सो गई; मोहब्बत करके क्या पाया मैंने; वो कल मेरी थी आज किसी और की हो गई!
किसी के दिल में बसना कुछ बुरा तो नही; किसी को दिल में बसाना कोई खता तो नही; गुनाह हो यह ज़माने की नजर में तो क्या; यह ज़माने वाले कोई खुदा तो नही!
ये दिल न जाने क्या कर बैठा; मुझसे बिना पूछे ही फैसला कर बैठा; इस ज़मीन पर टूटा सितारा भी नहीं गिरता; और ये पागल चाँद से मोहब्बत कर बैठा।
कुछ सोचूं तो तेरा ख्याल आ जाता है; कुछ बोलूं तो तेरा नाम आ जाता है; कब तलक बयाँ करूँ दिल की बात; हर सांस में अब तेरा एहसास आ जाता है।
कुछ चेहरे भुलाए नहीं जाते; कुछ नाम दिल से मिटाए नहीं जाते; मुलाक़ात हो न हो, अय मेरे यार; प्यार के चिराग कभी बुझाए नहीं जाते।
दुख मे खुशी की वजह बनती है मोहब्बत; दर्द मे यादों की वजह बनती है मोहब्बत; जब कुछ भी अच्छा नहीं लगता दुनिया में; तब जीने की वजह बनती है मोहब्बत।
दिल से तेरी निगाह जिगर तक उतर गई; दोनों को इक अदा में रजामंद कर गई; शक हो गया है सीना, ख़ुशी लज्जते-फ़िराक; तकलीफे-पर्दादारी-ए-ज़ख्म-जिगर गई!
किसी का क्या जो क़दमों पर जबीं-ए-बंदगी रख दी; हमारी चीज़ थी हमने जहां जानी वहां रख दी; जो दिल माँगा तो वो बोले ठहरो याद करने दो; ज़रा सी चीज़ थी हमने जाने कहाँ रख दी!
हर खामोशी का मतलब इंकार नहीं होता; हर नाकामयाबी का मतलब हार नहीं होता; तो क्या हुआ अगर हम तुम्हें न पा सके; सिर्फ पाने का मतलब प्यार नहीं होता!
जब से तूने मुझे दीवाना बना रखा है; संग हर शख्स ने हाथों में उठा रखा है; उसके दिल पर भी कड़ी इश्क में गुजरी होगी; नाम जिसने भी मोहब्बत का सज़ा रखा है!
साथ अगर दोगे तो मुस्कुराएंगे ज़रूर; प्यार अगर दिल से करोगे तो निभाएंगे ज़रूर; कितने भी काँटे क्यों ना हों राहों में; आवाज़ अगर दिल से दोगे तो आएंगे ज़रूर।
क्यों तू अच्छा लगता है, वक़्त मिला तो सोचेंगे; तुझ में क्या क्या देखा है, वक़्त मिला तो सोचेंगे; सारा शहर शहंशाही का दावेदार तो है लेकिन; क्यों तू हमारा अपना है, वक़्त मिला तो सोचेंगे।
प्यार वो है जिसमे सच्चाई हो; साथी की हर बात का एहसास हो; उसकी हर अदा पर नाज़ हो; दूर रह कर भी पास होने का एहसास हो।
मेरे दिल ने जब भी कभी कोई दुआ माँगी है; हर दुआ में बस तेरी ही वफ़ा माँगी है; जिस प्यार को देख कर जलते हैं यह दुनिया वाले; तेरी मोहब्बत करने की बस वो एक अदा माँगी है।
ख्याल में आता है जब भी उसका चेहरा; तो लबों पे अक्सर फरियाद आती है; भूल जाता हूँ सारे ग़म और सितम उसके; जब ही उसकी थोड़ी सी मोहब्बत याद आती है।
कभी दोस्ती कहेंगे कभी बेरुख़ी कहेंगे; जो मिलेगा कोई तुझसा उसे ज़िन्दगी कहेंगे; तेरा देखना है जादू तेरी गुफ़्तगू है खुशबू; जो तेरी तरह चमके उसे रोशनी कहेंगे।
ये दिल भुलाता नहीं है मोहब्बतें उसकी; पड़ी हुई थी मुझे कितनी आदतें उसकी; ये मेरा सारा सफर उसकी खुशबू में कटा; मुझे तो राह दिखाती थी चाहतें उसकी।
दिल की हसरत मेरी ज़ुबान पे आने लगी; तुमने देखा और ये ज़िन्दगी मुस्कुराने लगी; ये इश्क़ के इन्तहा थी या दीवानगी मेरी; हर सूरत में मुझे सूरत तेरी नज़र आने लगी।
ऐ आशिक तू सोच तेरा क्या होगा; क्योंकि हशर की परवाह मैं नहीं करता; फनाह होना तो रिवायत है तेरी; इश्क़ नाम है मेरा मैं नहीं मरता।
रात होगी तो चाँद दुहाई देगा; ख्वाबों में आपको वह चेहरा दिखाई देगा; ये मोहब्बत है ज़रा सोच कर करना; एक आंसू भी गिरा तो सुनाई देगा।
अजब अपना हाल होता जो विसाल-ए-यार होता कभी जान सदक़े होती कभी दिल निसार होता
रोज़ खाली हाथ जब घर लौट कर जाता हूँ मैं मुस्करा देते हैं बच्चे और मर जाता हूँ मैं