कभी टूटकर बिखरो तो मेरे पास आ जाना,मुझे अपने जैसे लोग बहुत पसंद है
मत हो उदास इतना किसी के लिए ए दीपक, किसी के लिए जान भी दे देगा तो लोग कहेंगे की इसकी उम्र ही इतनी थी
मैं फिर से निकलूंगा तलाश -ए-जिन्दगी में, दुआ करना दोस्तो इस बार किसी से इश्क ना ह
सुना था दर्द का अहसास तो चाहने वालों को होता है, जब दर्द ही चाहने वाले दे तो एहसास कौन करेगा
वो जान गया हमें दर्द में भी मुस्कुराने की आदत है, इसलिए वो रोज़ नया दर्द देता है मेरी ख़ुशी के लिए
काट कर जुबा मेरी कह रहे है मेरे कातिल,अब तुम्हे हाले दिल सुनाने की इजाजत है
पगली तेरी मोहब्बत ने मेरा यह हाल कर दिया है, मैं नही रोता, लोग मुझे देख के रोते है
बताओ तो कैसे निकलता है जनाज़ा उनका,वो लोग जो अन्दर से मर जाते है
तेरी नाराज़गी वाजिब है दोस्त,मैं भी खुद से खुश नहीं आजकल
मेरी खामोशी काे माैत मत समझो ए मेरे दाेस्ताे,बस जरा थकान महसूस हुई आैर आंख लग गई
हालात ने तोड़ दिया हमे कच्चे धागे की तरह, वरना हमारे वादे भी कभी ज़ंजीर हुआ करते थे
उसने कहा तुम सबसे अलग हो, सच कहा और कर दिया मुझे सबसे अलग
एक नींद है जो रात भर नहीं आती, और एक नसीब है जो न जाने कब से सो रहा है
मैं कभी बुरा नही था उसने मुझे बुरा कह दिया,फिर मैं बुरा बन गया ताकी उन्हे कोई झुठा ना कह दे
क्या हुआ अगर हम किसी के दिल में नहीं धड़कते, आँखो में तो बहुतो के खटकते है
शायरियों से बुरा लगे तो बता देना दोस्तों, दर्द बाँटने के लिए लिखता हूँ, दर्द देने के लिए नहीं
ज़िंदगी भर मौत के लिए दुआ करते रहे खुदा से, और जब जीना चाहा तो दुआ क़बूल हो गई
कुछ तो बात है मेरी मेहमान-नवाजी में, की गम एक बार आते है तो जाने का नाम नहीं लेते
और भी बनती लकीरें दर्द की शायद, शुक्र है तेरा खुदा जो हाथ छोटा सा दिया
लुटा चुका हूँ बहुत कुछ अपनी जिंदगी में यारो, मेरे वो ज़ज्बात तो ना लूटो जो लिखकर बयाँ करता हूँ
अक्सर पूछते है लोग किसके लिए लिखते हो, अक्सर कहता है दिल की काश कोई होता
मेरी आँखो में छुपी उदासी को महसूस तो कर.. हम वह है जो सब को हंसा कर रात भर रोते है
ना जाने कितनी ही अनकही बातें साथ ले जाऊंगा,लोग झूठ कहते रहते है की खाली हाथ चला जाऊँगा
जब मिलो किसी से तो जरा दूर का रिश्ता रखना, बहुत तङपाते है अक्सर सीने से लगाने वाले
कौन कहता है की आँसूओ में वजन नहीं होता, एक भी छलक जाता है तो मन हल्का हो जाता है
कर गया ना इश्क बरबाद, और गीत गाओ मोहब्बत के
ये इश्क़ भी क्या गज़ब की चीज़ है, जिसको हो जाये वो रोये रात भर और जिससे हो जाये वो सोये रात भर
अब मौत से कहो की हमसे नाराज़गी ख़त्म कर ले,वो बहुत बदल गए है, जिसके लिए हम जिया करते थे
क्या हूआ अगर लोग मेरे बारे में गलत बात करते है, ये वो ही लोग है जो कभी मेरी जान हुआ करते थे
आईने के सामने खड़े होकर खुद से माफ़ी मांग ली मैंने, सबसे ज़्यादा खुद का ही दिल दुखाया है औरों को खुश करने में
आवारगी के शौक़ में अब ये याद ही नहीं, की किस मोड़ पर खुद को छोड़ आया ह
एक छोटा गुनाह मोहब्बत का,उम्र भर का हिसाब लेता ह
इस ज़िन्दगी में और रखा ही क्या है,कुछ तस्वीरे यार की, बाकी बोतले शराब की
खुदा जाने कौन सा गुनाह कर बैठे है हम की, तमन्नाओं वाली उम्र में तजुर्बे मिल रहे है
वो जो तुमने एक दवा बतलाई थी ग़म के लिए, ग़म तो ज्यूं का त्यूं रहा, बस हम शराबी हो गये
ऐ मौत आ के हमको खामोश तो कर गई तू,मगर सदियों तक दिलो के अंदर हम गूंजते रहेंगे
मुझे वफा बस इतनी ही निभानी आयी, उसकी खातिर उसी को छोड़ दिया हमने
अजब मुकाम पे ठहरा हुआ है काफिला जिंदगी का, सुकून ढूढनें चले थे, नींद ही गवा बैठ
शुक्रिया मोहब्बत की तूने मुझे गम दिया,वरना शिकायत थी जिन्दगी से की जो भी दिया कम दिया
हमसे ना पूछो जिन्दगी की हकीकत,अपनों की शिकायत करना हमे अच्छा नहीं लगत
तुम्हारे बाद मेरा कौन बनेगा हमदर्द, मैंने अपने भी खो दिए है तुझे पाने की ज़िद में
न जख्म भरे न कोई सहारा हुई, न वो वापस लौटी और न मोहब्बत दोबारा हुई
कितना अजीब शौक पाला है, दर्द भरा एहसास लिखने का, लिखूं तो लोग परेशान और ना लिखूं तो दिल परेशान
आता ही नहीं उस नादान के बगैर जीना मुझ को, काश उस शक्श ने मरना भी सिखा दिया होता
कुछ लोग मुझे अपना कहा करते थे, सच कहूँ तो सिर्फ़ कहा ही करते थे
हमे जब नींद आएगी तो इस कदर सोएंगे की, लोग रोएंगे हमे जगाने के लिए
लोग कहते है की इन्सान अपनी किस्मत खुद लिखता है, अगर ये सच है तो अपनी किस्मत में दर्द कौन लिखता है
मुझको मशहूरी के मुकाम तक नहीं जाना,मुझको अपनी गुमनामी से करार मिलता है
तूने हसीन से हसीन चेहरो को भी उदास किया है, ऐ इश्क तू अगर इँसान होता तो तेरा पहला क़ातिल मैं होता
हर शख्स परिंदों का हमदर्द नही होता मेरे दोस्त,बहुत बेदर्द बेठे है दुनिया में जाल बिछाने वाले