मुझे नहीं पता की ये बिगड़ गया या सुधर गया, बस अब ये दिल किसी का भरोसा नहीं करता !!
तुम तो मुझे रुलाकर दूर चले गये, मैं किससे पूछूँ की मेरी खता क्या है !!
ज़ख़्म दे कर ना पूछा करो दर्द की शिद्दत, दर्द तो दर्द होता है थोड़ा क्या, ज्यादा क्या !!
घुटन सी होने लगी है इश्क़ जताते हुए, मैं खुद से रूठ गया हूँ तुम्हे मनाते हुए !!
आज हमारी बातों का जवाब नहीं देते होना, आओगे जब हमारी कब्र पर तब हम भी ऐसा ही करेंगे !!
अजीब नींद मेरे नसीब में लिखी है, पलकें बंद होती है तो दिल जाग जाता है !!
ना जाने इस ज़िद का नतीज़ा क्या होगा, समझता दिल भी नहीं, वो भी नहीं और मैं भी नहीं !!
किसी को भी अपना बनाने का हुनर है तुम में, काश किसी का बनकर रहने का हुनर भी होता !!
सुनो ज़रा रास्ता तो बताना, मोहब्बत के सफ़र से वापसी है मेरी !!
तीन लफ़्ज़ की हिफाजत नहीं कर सके, उसके हाथो जिंदगी की पूरी किताब क्या देते !!
मेरे गम की दवा हो तुम, और इसी गम की वजह भी हो तुम !!
चलो हम उजङे शहर के शहजादे ही सही, मगर तुम्हारी आँखे बताती है विरान तुम भी हो !!
जाते जाते उसने ये तो कहा की अपना ख्याल रखना, पर उसकी आंखे कह रही थी की अब मेरा ख्याल कोन रखेगा !!
सारे दुःखों को भुलाकर मुस्कुराया तेरे लिए, अब तू बता तू कभी रोयी मेरे लिए !!
मैंने हर दर्द में इंसान को ही मरते देखा है, कम्बख्त इश्क़ तुझे मौत क्यों नहीं आती !!
लोग कहते है की वक्त के साथ सब कुछ बदल जाता है, फिर न जाने क्यूँ छिपकर ज़िंदा रह जाती है ये मोहब्बत !!
खुद ही रोये और रो रो कर चुप हो गए, ये सोचकर की आज कोई अपना होता तो रोने ना देता !!
सुकून की तलाश में हम दिल बेचने निकले थे, खरीददार दर्द भी दे गया और दिल भी ले गया !!
दिल की उम्मीदों का हौंसला तो देखो, इन्तजार उसका है जिसको एहसास तक नहीं !!
कुछ सोचना चाहिए था उसे हर सितम से पहले, मैं सिर्फ दीवाना नहीं था, इन्सान भी था !!
हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते है, उम्र बीत जाती है दिल को दिल बनाने में !!
बात मुक्कदर पे आ के रुकी है वर्ना, कोई कसर तो न छोड़ी थी तुझे चाहने में !!
कहीं तुम भी न बन जाना किरदार किसी किताब का, लोग बड़े शौक से पड़ते है कहानिया बेवफाओं की !!
इतना उदास शाम का मंजर कभी न था, सूरज के साथ डूब गया मेरा दिल भी आज !!
उमर बीत गई पर एक जरा सी बात समझ में नहीं आयी, हो जाए जिनसे मोहब्बत वो लोग कदर क्यों नहीं करते !!
खेलना अच्छा नहीं किसी के नाजुक दिल से, दर्द जान जाओगे जब कोई खेलेगा तुम्हारे दिल से !!
पुरानी होकर भी खास होते जा रही है, मोहब्बत बेशरम है बेहिसाब होते जा रही है !!
आज कुछ नही है मेरे पास लिखने के लिए, शायद मेरे हर लफ्ज़ ने खुद-खुशी कर ली !!
वो तो आँखे थी जो सब सच बयां कर गयी, वरना लफ़्ज होते तो कब के मुकर गए होते !!
बर्बाद तो हमने अपनी ज़िन्दगी कर दी, तो तू क्या चीज़ है मेरी जान !!
रात को सोते हुए एक बेवज़ह सा ख़याल आया, सुबह उठ न पाऊँ तो क्या उसे ख़बर मिलेगी कभी !!
अंजामे वफ़ा ये है जिसने भी मोहब्बत की, मरने की दुआ मांगी, जीने की सज़ा पाई !!
वो अपनी मर्जी से बात करते है और, हम कितने पागल है जो उनकी मर्जी का इंतजार करते है !!
उसे गैरो के साथ बात करते देखा तो दुख हुआ, फिर याद आया की हम कौन सा उसके अपने थे !!
हर रोज़ दवा दे जाता है जो आकर मुझे पागलपन की, उस हकीम से कह देना साहब मुझे दिल की बीमारी भी तो है !!
पछताया बहोत उसके दर पे दस्तक देकर मैं, दर्द की इन्तेहा हो गई जब उसने पूछा कौन हो तुम !!
जो इंसान हमें हद से ज्यादा प्यार करता है, एक दिन उसकी ही नफरत हमें रुला देती है !!
दिल में भी एक बार उलट-पलट हो जानी चाहिए, क्या पता नीचे दबे कुछ अपने खास लोग मिल जाए !!
मुझे किसीसे नहीं अपने आप से है गिला, मैंने क्यूँ तेरी चाहत को जिन्दगी समझा !!
अच्छा हुआ जो तुमने मुझे ठुकरा दिया, मुझे तुम्हारा प्यार चाहिए था कोई अहेसान नहीं !!
प्यार में एसा ही होता है, जो शिद्दत से करता है वही रोता है !!
अजीब दास्तान होती है मोहब्बत की भी, उसीसे होती है जो हमारे लिए बना ही नहीं होता !!
और बात छोडो बस इतना ही सुनो, तुम बिछड़ गए और हम बिखर गए !!
क्या बताऊँ कितना मुश्किल है जीना, जिसके लिए है जीना उसके बिना ही जीना !!
आज फिर रो के चल दिए हमारे सामने से, हमने तो बस इतना ही पूछा था की खुश तो रखता हे ना वो !!
जाने वाले ने ये भी नहीं सोचा, की उसे देख देख कर जीने वाले का हाल क्या होगा !!
सबको बोल तो देती हूँ की भूल गई हूँ तुझे, पर हकीकत तो बस मुझे और मेरे दिल को पता होती है !!
जाने वाले ने दिल पत्थर का कर दिया मेरा, फिर किसीको देखकर दिल धड़का ही नहीं !!
ठीक लिखा था मेरे हाथों की लकीरों में, तू अगर प्यार करेगा तो बिखर जाएगा !!
कितनी मीठी मीठी बातें थी तेरी, और कितना कड़वा दिल निकला तेरा !!