दिल की खिड़की से बाहर देखो ना कभी
बारिश की बूँदों सा है एहसास मेरा
घनी जुल्फों की गिरह खोलो ना कभी
बहती हवाओं सा है एहसास मेरा
छूकर देखो कभी तो मालूम होगा तुम्हें
सर्दियों की धूप सा है एहसास मेरा
चाहता हूँ तुझे दिल में छिपाना
क्युकी बहुत बुरा हैं ये जमाना
लिख दूँ तो लफज़ तुम हो
सोच लूँ तो ख्याल तुम हो
माँग लूँ तो मन्नत तुम हो
और चाह लूँ तो मोहब्बत भी तुम ही हो
तू मत देख कोई शक्स गुनहगार है कितना
बस यह देख वो तेरे साथ वफादार है कितना
हो सकता हैं उसे कुछ लोगो से नफरत हो
पर ये देख उसे तुझ से प्यार हैं कितना
क्या हुनर हे तेरा पगली हमारे बेग से कोई पेंसिल
तक नहीं चुरा पाया और तूने सीने से दिल चुरा लिया
मेरी मोहब्बत है वो कोई मज़बूरी तो नही
वो मुझे चाहे या मिल जाये जरूरी तो नही
ये कुछ कम है कि बसा है मेरी साँसों में वो
सामने हो मेरी आँखों के जरूरी तो नही
न जिद है न कोई गुरूर है हमे
बस तुम्हे पाने का सुरूर है हमे
इश्क गुनाह है तो गलती की हमने
सजा जो भी हो मंजूर है हमे
आज मुझे ये बताने की इजाज़त दे दो
आज मुझे ये शाम सजाने की इजाज़त दे दो
अपने इश्क़ मे मुझे क़ैद कर लो
आज जान तुम पर लूटाने की इजाज़त दे दो
लम्हे ये सुहाने साथ हो न हो
कल में आज ऐसी बात हो न हो
आपसे प्यार हमेशा दिल में रहेगा
चाहे पूरी उम्र मुलाकात हो न हो
मेरे आँखों के ख्वाब दिल के अरमान हो तुम
तुम से ही तो मैं हूँ मेरी पहचान हो तुम
मैं ज़मीन हूँ अगर तो मेरे आसमान हो तुम
सच मानो मेरे लिए तो सारा जहां हो तुम
तेरी मेरी आशिक़ी ऐसों हो के
जब भी तेरा 'दिल' याद करे
उसी पल हम तुम्हारे सामने हो
डर लगता है किसी को अपना बनाने में💞
डर लगता है कुछ वादे निभाने में💞
प्यार तो एक पल में हो जाता है💞💞
बस उमर लग जाती है उसे भूलाने में.💞💞
” तेरे दिल के बाजार में मै रोज़ बिकता हु। कुछ लफ्ज़ तेरी यादों के हर रोज़ लिखता हु। “
“औरो से छिपकर कल मैं भी ज़रा शरमाया था , ख्याल उसका जब कल मेरे सपनों में आया था।”
” मिल रहे हो न खो रहे हो तुम I दिन ब दिन और दिलचस्प हो रहे हो तुम।”
“इश्क़ के दरिया का कोई किनारा नहीं। तुझे सोचे बिना होता मेरा गुज़ारा नहीं”
“दिल का मंज़र गुमनाम तो नहीं पर हाँ! अब वहाँ तेरी तस्वीर नहीं होती।”
“लिखता है हर कोई इश्क़ की कहानी। कोई रूहानी तो कोई जिस्मानी। “
“कुछ पल की है जिंदिगी नाज़ कीजिये। कल की छोड़िये बेहतरीन अपना आज कीजिये.”
“वो गुज़रा पल न जाने अफ़सानो में क्या कह गया। एक सपना तुझको पाने का सपना ही रह गया.”
“मुझे आदत होगयी तेरी कुछ इस तरह. मछली को ज़रूरत हो पानी की जिस तरह। “
“लफ्ज़ो से बयां होजाए ऐसी कहानी नहीं इश्क़ जाम है बारिश का पानी नहीं.”
“दर्द की आह से लोगों की वाह तक का सफर ही शायरी है। “
“ना जाने ये केसा जादू है। आजकल दिल क्यों बेकाबू है.”
“ये जो तेरा मेरा साथ है एक अलग एहसास है.”
“मेरे दिल के समंदर में उतर के तो देखो। खुली किताब हु मैं कभी पढ़ के तो देखो”
“काश कुछ ऐसा होजाए में तेरा होजाउ तू मेरी होजाए।”
“अपने ख्वाबो को हमने कुछ इस क़दर जिया। तेरे बिना भी इश्क़ है तुजसे किया।”
“नींद न आए रातों को बस याद उसी की आती है। अगर आँख मेरी लग जाए। वो सपना बनके छा जाती है।”
“न चाँद चाहिए न फलक चाहिए। बस तेरी मुस्कराहट की एक झलक चाहिए”
“इन महकी हवाओ से दिलकश नज़ारा मिले अजनबी ही सही पर हम दुबारा मिले।”
“मेरा सामना मुझसे ही करा जाता है। ये पैंतरा हर बार उसके काम आता है।”
“तू मंज़िल और में राह हो सकते नहीं जुदा। क्या कभी भी सूरज बिन होगी नई सुबह। “
“आपकी एक मुस्कराहट, न जाने कितनो की सुबह हसीन बनाती होगी। “
“कुछ बात थी उसमे जो हमें एक बनती थी, परेशां अगर रहु मैं तो खुश वो भी नहीं रह पाती थी। “
“तू है सागर वही जिसकी हु में नदी , अंत लिखा मेरा तुजमे ही। “
“चाहत में तेरी न जाने ये क्या हो गया। भुला मैं सारी दुनिया को, ख्वाबो में तेरे खो गया। “
“जिंदिगी को तेरे नाम कर दिया। खुद को तेरी खातिर बदनाम कर दिया। “
“मोहब्बत नशा है ये कैसी सजा है। दिल के तड़पने का अपना ही मज़ा है.”
“एक दिन अकेले थे हम और तुम। अब मैं तुजमे गुम तू मुजमे गुम। “
“ज़रा सी बात है समझते क्यों नहीं ? तेरे बिन मैं नहीं मेरे बिन तू नहीं “
” मैं यहाँ भी गयी मैं वहाँ भी गयी सोचाः पल पल उसे मैं जहा भी गयी।”
“दो घुट जो इश्क़ का उसने पिया फिर ता उम्र वो दीवानो से जिया। “
“तेरी याद जो लिखने पर मजबूर करती है जहाँ में मुझे मशहूर करती है।”
“कुछ ख्वाब झुटे है। तभी तो टूटे है। “
“में तेरे लिए लिखता हु तभी तो बिकता हु। “
“तू जो मेरे पास है मुझको न कोई प्यास है। “
“जितना दौड़ता हु उतना ही लम्बा हो जाता है तेरा इश्क़ है या subway surfer.”
“न जाने आजकल दिल कहा खो गया जबसे तुझको देखा दिल तेरा हो गया। “
“खुल जाता है तेरी यादों बाजार सुबह सुबह। और इसी रौनक में मेरा दिन गुज़र जाता है.”