रूह तक नीलाम हो जाती है इश्क के बाज़ार में, इतना आसान नहीं होता किसी को अपना बना लेना
आईने के सामने सजता सँवरता है हर कोई, मगर आइनों सी साफ जिन्दगी जीता है कोइ-कोई
हेंसीयत तो इतनी हैं की.. जब आंख उठाते हैं तो नवाब भी सलाम ठोकते हैं….!!!
काश मेरा घर तेरे घर के करीब होता..। मोहब्बत ना सही देखना तो नसीब होता..
इस दुनीया मैं हम से जलने वाले बहोत हैं.. मगर उससे कोइ फरक नहीं पड़ता.. !! क्योंकी हम पे मरने वाले भी बहोत हैं !
उसके ख्याल से ही इतनी ख़ूबसूरत है दुिनयां अगर वो साथ हो तो क्या बात है..
दोस्ती का इरादा था.. प्यार हो गया।। दोस्तो अब दुआ दीजिये… सलाह नही।।
मैंने अपनी मौत की अफवाह उड़ाई थी, दुश्मन भी कह उठे आदमी अच्छा था..
नसीब का लिखा तो मील ही जायेगा, या रब …. देना हे तो वो दे जो तकदीर मे ना हो .
कतल हुवा इस तरह हमारा किश्तों में, कभी खंजर बदल गये कभी कातिल ।।
मुझे ढूंढने की कोशिश अब न किया कर, तूने रास्ता बदला तो मैंने मंज़िल बदल ली…!!
इन्सान की चाहत है कि उड़ने को पर मिले, और परिंदे सोचते हैं कि रहने को घर मिले…!
बेशक वो ख़ूबसूरत आज भी है, पर चेहरे पर वो मुस्कान नहीं, जो हम लाया करते थे..!!
अपनी हार पर कितना शकून था मुझे, जब उसने गले लगाया जीतने के बाद…
हर बार सम्हाल लूँगा गिरो तुम चाहो जितनी बार, बस इल्तजा एक ही है कि मेरी नज़रों से ना गिरना…
आज भी लोग हमारी इतनी इज्जत करते हैं, हमारे status वो सर झुकाकर पढ़ते हैं ..!!
तेरी मोहब्बत को कभी खेल नही समजा, वरना खेल तो इतने खेले है कि कभी हारे नही ।
हकीकत में ये खामोशी हमेशा चुप नही रहती, कभी तुम गौर से सुनना बहुत किस्से सुनाती है.
न ज़ख्म भरे, न शराब सहारा हुई, न वो वापस लौटीं, न मोहब्बत दोबारा हुई…
चलो अब जाने भी दो.. क्या करोगे दास्तां सुनकर, ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं, और बयां हमसे होगा नही..
खुद को बिखर्ने मत देना, कभी किसि हाल मेँ, लोग गिरे हुए माकान कि, ईटे तक लेजा ते है.
प्यार करना सीखा है, नफरतों का कोई ठौर नहीं….!! बस तू ही तू हैं दिल में, दूसरा कोई और नहीं….!!
तेरी याद से अच्छी तो मेरी सराब हे ज़ालिम, कमब्क्त रुलाने के बाद सुला तो देती हे मुझे !!
बेर कैसे होते है ‘शबरी’ से पूछो, राम जी से पूछोगे तो मीठा ही बोलेंगे !!
मजबूत रिश्ते और कडक चाय……धीरे धीरे बनते है…!!
यूँ तो शिकायते तुझ से सैंकड़ों हैं मगर.. तेरी एक मुस्कान ही काफी है सुलह के लिये…!!
ऊपर जिसका अन्त नही उसे आसमां कहते है॥ इस जहां मे जिसका अन्त नही उसे मां कहते है॥
बड़ी मुस्किल से बनाया था अपने आपको काबिल उसके, उसने ये केहकर बिखेर दिया… की तुमसे मोह्बत तो है पर पाने की चाहत नही हे !!
छोड़ तो सकता हूँ मगर छोड़ नहीं पाता उसे, वो शख्स मेरी बिगड़ी हुई आदत की तरह है…
हम तो यूहीँ दिल साफ रखा करते थे….. पता नहीं था कीमत चेहरों की होती है..
इन बादलों का मिज़ाज मेरे मेहबूब से काफी मिलता हे , कभी टुटके बरसाते हे तो कभी बेरुखी से गुजर जाते हे !!
फ़रिश्ते ही होंगे जिनका हुआ इश्क मुकम्मल, इंसानों को तो हमने सिर्फ बर्बाद होते देखा है…..!!
मेरी जिंदगी का खेल शतरंज से भी मज़ेदार निकला.. मैं हारा भी तो अपनी हीं रानी से..!!
वो फिर से लौट आये थे मेरी जिंदगी में….अपने मतलब के लिये और हम सोचते रहे की हमारी दुआ में दम था ..
शायरी का बादशाह हुं और कलम मेरी रानी, अल्फाज़ मेरे गुलाम है, बाकी रब की महेरबानी..
होठ मिला दिए उसने मेरे होठो से यह कहकर… शराब पीना छोड़ दोगे तोह यह जाम तुम्हे रोज़ मिलेगा..
attitude तो सब लोगों के पास होता है, बस फर्क इतना है कि किसी का Attitude छिप जाता है, और हमारा Attitude तो छप जाता है..!
आगरा का ताजमहल गवाह हैं की औरत जीते जी ही नहीं मरने के बाद भी जेबें खाली करवा सकती है…
खुशियाँ बटोरते बटोरते उम्र गुज़र गई .. पर हाथ कुछ न लगा ! तब जाकर ये एहसास हुआ कि .. खुश तो वो लोग हैं “जो खुशियाँ बाँट रहे थे” !!
इतिहास गवाह हैं हो या खोदते ‘अपने’ ही हैं..
यूँ ही शौक़ है हमारा तो शायरी करना ।। किसी की दुखती रग छू लूँ.तो यारों माफ़ करना..
चाहे दुश्मन मिले चार या चार हज़ार सब पर भारी पड़ेंगे मेरे जिगरी यार…
कितनी खुबसूरत सी हो जाती है ये दुनिया जब अपना कोई कहता है कि तुम याद आ रहे हो…
कहते हैं के कब्र में सुकून की नींद आती है अज़ीब बात है कि ये बात भी ज़िन्दा लोगों ने कही है…
नशा हम किया करते है इलज़ाम शराब को दिया करते है कसूर शराब का नहीं उनका है जिनका चहेरा हम जाम मै तलाश किया करते है…
नीलाम कुछ इस कदर हुए, बाज़ार-ए-वफ़ा में हम आज, बोली लगाने वाले भी वो ही थे, जो कभी झोली फैला कर माँगा करते थे!
अकल कितनी भी तेज ह़ो नसीब के बिना नही जित सकती, बिरबल काफी अकलमंद होने के बावजूद.. कभी बादशाह नही बन सका ।
जितनी हसीन ये मुलाकातें है😉 😘 उससे भी @@प्यारी तेरी बातें है 😘😘
मैं दिनभर ना जाने कितनों चेहरों से रूबरू होता हूँ पर पता नहीं रात को ख्याल सिर्फ तुम्हारा ही क्यों आता है 😍😚
ज़रूरी तो नहीं कि हर पल तेरे पास रहूँ मोहब्बत ❤ और इबादत 😚 दूर😉 से भी की जाती है