किया है प्यार जिसे हमने ज़िन्दगी की तरह, वो मिला भी हमसे अजनबी की तरह, किसे ख़बर थी बढ़ेगी कुछ और तारीकी, छुपेगा वो किसी बदली में चाँदनी की तरह।
पहली मोहब्बत मेरी हम जान न सके, प्यार क्या होता है हम पहचान न सके, हमने उन्हें दिल में बसा लिया इस कदर कि, जब चाहा उन्हें दिल से निकाल न सके।
तेरा नाम ही ये दिल रटता है, ना जाने तुम पे ये दिल क्यू मरता है, नशा है तेरे प्यार का इतना, कि तेरी ही याद में ये दिन कटता है।
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है, दिल न चाह कर भी खामोश रह जाता है, कोई सब कुछ कहकर प्यार जताता है, कोई कुछ न कहकर भी सब बोल जाता है।
आदत बदल दू कैसे तेरे इंतेज़ार की, ये बात अब नही है मेरे इकतियार की, देखा भी नही तुझ को फिर भी याद करते है, बस ऐसी ही खुश्बू है दिल मे तेरे प्यार की.
इश्क है या इबादत
अब कुछ समझ नहीं आता,
एक खुबसूरत ख्याल हो तुम जो दिल से नहीं जाता