मैं दिनभर ना जाने कितने चेहरों से रूबरू होता हूँ,पर पता नहीं रात को ख्याल सिर्फ तुम्हारा ही क्यों आता है…!!
इन आँखों को जब तेरा दीदार हो जाता है…दिन कोई भी हो लेकिन त्यौहार हो जाता है…!!
अपने चेहरे को इतना मत निखारो,मुझे डर है कहीं मेरे चश्मे का नंबर ना बढ़ जाए…!!
तमाम शराबें पी ली थी इस जहाँ की मगर,तुम्हारी आँखों में झाँका तो जाना आखिर नशा भी क्या चीज़ है…!!
सुनो ना मेरी एक छोटी सी इच्छा है,एक टेबल, दो कॉफी, मैं और तुम…!!
तुमसे बेपनाह मोहब्बत के सिवा मुझे कुछ नहीं आता,चाहो तो मेरी साँसो की तलाशी ले लो…!!
दो अक्षर मोहब्बत के भी क्या कमाल दिखाते है,लगते है दिल पर, लेकिन खिल चेहरे जाते है…!!
मेरी जान तुम उन सबके सवालों का जवाब हो,जो कहते हैं कि अब सच्चा प्यार नहीं मिलता…!!
हम कुछ यूँ तेरे दीदार में खो जाते है,जैसे बच्चे भरे बाजार में खो जाते है…!!
मैंने उससे बोला ये आसमान कितना बड़ा है,पगली ने गले लगाया और बोली इससे बड़ा तो नहीं है…!!
मत पूछा करो मुझसे की तुम मेरे क्या लगते हो,दिल के लिये धड़कन जरुरी है और मेरे लिए तुम…!!
तुम दुआ के वक्त जरा मुझको भी बुला लेना,दोनो मिलकर एक दुसरे को मांग लेंगे…!!
ना दिल की चली ना आँखों की,हम तो दीवाने बस तेरी मुस्कान के हो गए…!!
ना खूबसूरत, ना अमीर, ना शातिर बनाया था,मेरे रब्ब ने तो मुझे तेरे खातिर बनाया था…!!
नवंबर तो बीत गया बातों ही बातों में,दुआ करो दिसंबर तेरी बाँहों में गुजरे…!!
मुझे पता नहीं था मोहब्बत क्या होती है,तुम मिले और ज़िन्दगी मोहब्बत बन गई…!!
तेरे और मेरे दिल का रिश्ता बहुत अजीब है,मीलों की है दूरियाँ फिर भी तू सबसे क़रीब है…!!
सभी ने कहा अच्छा सोचो तो अच्छा ही होगा,मैंने तुम्हारे बारे में सोचना शुरु कर दिया,अब तुमसे अच्छा कौन है मेरे लिए…!!
पता नहीं क्या जादू है तुम्हारे प्यार में,किसी और के बारे में सोचने का मन ही नहीं करता…!!
मैंने कभी सोचा तक नहीं था क़ि ऐसा खुबसूरत दिन भी आयेगा,मेरे सीने मे बैठा दिल तुम्हारा हो जायेगा…!!
तुझे ख़्वाबों में पाकर दिल का क़रार खो ही जाता है,मैं जितना रोकूँ ख़ुद को तुझसे प्यार हो ही जाता है…!!
काश तुम पूछो के तुम मेरे क्या लगते हो,मै गले लगाऊँ और कहू… सब कुछ।
ये कैसा ख्याल है, कैसी खुशबू सता रही है दिल को,ये जो करार दिल में है, कहीं ये मोहोब्बत तो नहीं…!!
कितना प्यार है तुमसे, वो लफ्ज़ों के सहारे कैसे बताऊँ,महसूस कर मेरे एहसास को, अब गवाही कहाँ से लाऊँ…!!
चलेगा मुकद्दमा आसमान में सब आशिकों पर,जिसे देखो अपने महबूब को चाँद जो बताता है…!!
यूँ तो तमन्ना दिल में ना थी लेकिन,ना जाने तुझे देखकर क्यों आशिक बन बैठे…!!
आये जब तुम सामने तो अज़ब तमाशा हुआ,हर शिकायत ने जैसे ख़ुदकुशी कर ली।
झूठ कहते हैं कि मोहब्बत आँखों से शुरू होती है,दिल तो वो भी चुरा लेते हैं जो नजरें नहीं उठाते।
उनकी बुरी आदत है मेरे बाल बिगाड़े रखना,उनकी कोशिश है किसी और को अच्छा न लगूँ…!!
काश एक खवाहिश पूरी हो इबादत के बगैर,वो आ कर गले लगा ले, मेरी इजाजत के बगैर…!!
तुम्हारे हँसने की वजह बनना चाहता हूँ,बस इतना हैं तुमसे कहना…!!
वो मौत भी बडी हसीन होगी जो तेरी बाहों मे आनी होगी,वादा रहा तुझसे, पहले हम मर जायेंगे,क्योंकि तेरे लिये जऩ्नत भी सजानी होगी…!!
“तुम्हारी दुनिया में हमारी चाहे कोई #किमत ना हो, मगर हमने हमारी #दुनिया में तुम्हे रानी का दर्जा दे रखा है।”
“आपको याद करना मेरी आदत बन गई है, आपका खयाल रखना मेरी फितरत बन गई है, आपसे मिलना ये मेरी चाहत बन गई है, आपको प्यार करना मेरी किस्मत बन गई है।”
मोहब्बत और कुछ करे या ना करे,मोबाईल जरूर साईलेंट करवा देती है
मुझे तो दुआओं में आना है,सपनों में तो हर कोई आ जाता है…
हम उनसे तो लड़ लेंगे, जो खुले आम दुश्मनी करते हैं,लेकिन उनका क्या करे, जो लोग मुस्कुरा के दर्द देते हैं
मोहब्बत में गुस्सा और शक़ वही करता हैजिसमें मोहब्बत कूट-कूट के भरी होती है
कितने अजब रंग समेटे है, ये बेमौसम बारिश खुद मेंअमीर पकोड़े खाने की सोच रहा है और किसान जहर
मेरी नमकीन सी जिंदगी की मिठास हो तुम
ज़िन्दगी की हक़ीक़त बस इतनी सी हैं,की इंसान पल भर में याद बन जाता हैं
रुकावटें तो सिर्फ ज़िंदा इंसान के लिए हैंमय्यत के लिए तो सब रास्ता छोड देते हैं
हमेँ कँहा मालूम था क़ि इश्क़ होता क्या है,बस एक ‘तुम’ मिले और ज़िन्दगी मुहब्बत बन गई.
रोज़ रोज़ आइना मत देखा करो,देखना हो तो मेरी DP देखो, इसमेंतेरा चेहरा नज़र आयेगा,,,,
तेरे चेहरे में वो जादू हैं,के हर पल मेरे दिल को इसकी Khushbu आती रहती हैं.
सामने बैठे रहो दिल को करार आएगा..जितना देखेंगे तुम्हें उतना ही प्यार आएगा..
मुझको छूके मुझको छूके पिघल रहे हो तुम , मेरे हमराह जल रहे हो तुम। चाँदनी छन रही है बादल से , जैसे कपड़े बदल रहे हो तुम। पायलें बज रही हैं रह रह कर , ये हवा है कि चल रहे हो तुम। नींद भी टूटने से डरती है , मेरे ख़्वाबों में ढल रहे हो तुम।
अगर तुम न होते तो ग़ज़ल कौन कहता, तुम्हारे चहरे को कमल कौन कहता, यह तो करिश्मा है मोहब्बत का.. वरना पत्थर को ताज महल कौन कहता।
मेरी आँखों में झाँकने से पहले, जरा सोच लीजिये ऐ हुजूर.. जो हमने पलके झुका ली तो कयामत होगी, और हमने नजरें मिला ली तो मुहब्बत होगी।
किसी को उनसे मिल के इश्क़ हुवा, किसी को उनको देख के इश्क़ हुवा, एक हम ही थे जो उनको न देखे न मिले, हमको तो उनसे हुई बातों से ही उनसे इश्क़ हुवा।