*मेरी ही नहीं सुनता, ये दिल..* *तेरी तो, बाते बहुत करता है...*
बिन तेरे भी.. कुछ नहीं.. ज़िन्दगी ये 'मेरी'
जुदा होकर.. तुझ से.. ये जाना है 'हमने'
होती नहीं है मोहब्बत सूरत से मोहब्बत तो दिल से होती है.
सूरत उनकी खुद-ब-खुद लगती है प्यारी कदर जिनकी दिल में होती है.!!
ख्वाब हमारे टूटे तो हालात कुछ ऐसी थी.
आँखे पल पल रोती थीं किस्मत हँसती रहती थी.!!
जरुरी तो नही हर चाहत का मतलब इश्क हो.
कभी कभी अनजान रिश्तो के लिए भी दिल बैचेन हो जाता है.!!
मैं कहाँ से लाऊ बता मिलता कहा है वो नसीब.
जो उमर भर के लिए तुझे मेरा कर दे.!!
देख कर चाँद को समँदर भी हिल जाता है.
उन पर क्या गुज़रती होगी जिनकी बाँहों में चाँद होता है.!!
अगर तू वजह ना पूछे तो एक बात कहूँ.
बिन तेरे अब हमसे जिया नहीं जाता.!!
नज़र नज़र का फर्क है हुस्न का नहीं.
महबूब जिसका भी हो बेमिसाल होता है.!!
तमाम शराबें पी ली थी इस जहाँ की मगर.
उसकी आँखों में झाँका तो जाना आखिर नशा भी क्या चीज़ है.!!
अगर ये झूठ है की तुम मेरे हो.
तो यकीन मानो सच मेरे लिए कोई मायने नहीं रखता.!!
अपनी ईन नशीली निगाहों को जरा झुका दीजिए जनाब.
मेरे मजहब में नशा हराम है.!!
एक बार तुम गले लगाने की मुझे इज़ाजत तो दो.
सारी शिकायते तेरे काँधे से होकर गुज़र जाएगी.!!
उसने पूछा की कौन सा तोहफा है मनपसंद.
मैंने कहा वो लम्हा जो अब तक उधार है.!!
मैं जब भी टूटता हूँ तो तुझे ढूंढता हूँ.
तु हमेशा कहती थी ना कि हम एक है.!!
ताबीज़ जैसे होते है कुछ लोग.
बस गले लगते ही सुकून मिलता है.!!
इस शहर के बादल तेरी ज़ुल्फों की तरह है.
जो आग़ तो लगाते है पर बुझाने नहीं आते.!!
मोहब्बत की दुनिया में अगर महबूब ना मिले.
तो यकीनन इन्सान मर जाता है मगर मौत नहीं आती.!!
प्यार वो ही खूबसुरत हैं जो एकतरफा हो.!!
रात जवान हो चली है चलो चलते है छत पर.
तुम देखना चाँद को मैं तुम्हे देखूँगा.!!
सुनो ना मेरी एक छोटी सी इच्छा है.
एक टेबल दो कॉफी मैं और तुम.!!
दावे मोहब्बत के मुझे नहीं आते यारो.
एक जान है जब दिल चाहे मांग लेना.!!
वो शख्स मेरे दिल में कुछ ऐसे उतर गया.
जैसे वो जानता था मेरे दिल के सारे रास्ते.!!
मुझे बेपनाह मोहब्बत के सिवा कुछ नहीं आता.
चाहो तो मेरी साँसो की तलाशी ले लो.!!
तू बिन बताये मुझे ले चल कही.
जहाँ तू मुस्कुराये मेरी मंजिल वही.!!
अग़र बस में हो तो वहीं थाम लूँ वक़्त को.
तेरी बाहों जैसा सुकून दुनियादारी में कहाँ.!!
इज़ाज़त हो तो मांग लूँ तुम्हे.
सुना है तक़दीर लिखी जा रही है.!!
मत पूछो की उसके प्यार करने का अन्दाज कैसा था.
उसने इतनी सिद्दत से सीनेे लगाया की सांस भी रुक गयी और जान भी ना गई.!!
जाने क्या ढूंढती है मेरी मुस्कराहट तुझ में.
जो तू हंसती है तो ये कम्बखत मेरे होठो पे आ बैठती है.!!
तेरी आँखों में शायद बस गया है कोई.
इक अजीब सी चमक दिखाई पडती है.!!
तूने जिंदगी का नाम तो सुना होगा.
मैने अक्सर तुम्हे इसी नाम से पुकारा है.!!
कुछ लोग चाहकर भी नही पड़ना चाहते हमारी मोहब्बत में.
कहते है की तुम दिल में नही रूह में समा जाते हो.!!
तुम दुआ के वक्त जरा मुझको भी बुला लेना.
दोनो मिलकर एक दुसरे को मांग लेंगे.!!
उसके होंठो को चूमा तो एहसास हुआ की.
एक पानी ही जरूरी नहीं प्यास बुझाने के लिए.!!
यूँ तो हम अपने आप में गुम थे.
सच तो ये है की वहाँ भी तुम थे.!!
ना दिल की चली ना आँखों की.
हम तो दीवाने बस तेरी मुस्कान के हो गए.!!
यूँ तो रातों को नींद नही आती.
पर रातों को सो कर भी जाग जाना इश्क़ है.!!
तन्हाई मैं मुस्कुराना भी इश्क़ है.
इस बात को सब से छुपाना भी इश्क़ है.!!
हो जा मेरी कि इतनी मोहब्बत दूँगा तुझे.
लोग हसरत करेंगे तेरे जैसा नसीब पाने के लिए.!!
करीब आओ ज़रा के तुम्हारे बिन जीना है मुश्किल.
दिल को तुमसे नही तुम्हारी हर अदा से मोहब्बत है.!!
सिर्फ दो ही वक़्त पर उसका साथ चाहिए.
एक तो अभी और एक हमेशा के लिये.!!
न जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर.
तेरे सामने आने से ज़्यादा तुझे छुपकर देखना अच्छा लगता है.!!
कौन कहता है क़ि चाँद तारे तोड़ लाना ज़रूरी है.
दिल को छू जाए प्यार से दो लफ्ज़ वही काफ़ी है.!!
सुनो तुम कर लो नजरंदाज अपने हिसाब से.
हम तो मोहब्बत बेहिसाब ही करेंगे.!!
कुछ तो बात होगी उस पगली में जो मेरा दिल उस पे आ गया था.
वरना में तो इतना सेल्फिश हु की अपने जीने की भी दुआ नही करता.!!
मैनें तो सिर्फ उसका दिल चोरी किया था लेकिन.
अब तो वो पगली मेरा सरनेम चोरी करने की प्लानिंग में है.!!
आज दरगाह में मन्नत का धागा नहीं.
अपना दिल बाँध के आया हूँ तेरे लिए.!!
तेरे सिवा कौन समा सकता है मेरे दिल में.
रूह भी गिरवी रख दी है मैंने तेरी चाहत में.!!
उनकी चाल ही काफी थी इस दिल के होश उड़ाने के लिए.
अब तो हद हो गई जब से वो पाँव में पायल पहनने लगे.!!
मोहब्बत किससे और कब हो जाये अंदाजा नहीं होता.
ये वो घर है जिसका दरवाजा नहीं होता.!!