कभी मुस्कुराती आँखें भी कर देती है कई दर्द बयां
हर बात को रोकर ही बताना जरूरी तो नहीं होता
हम गमो को छिपाने का कारोबार करते है
कसूर बस इतना है की हम गम देने वाले से ही प्यार करते है
तुमने कहा था आँख भर के देख लिया करो मुझे
मगर अब आँख भर आती है तुम नजर नही आते हो
अपनो को दूर होते देखा
सपनो को चूर होते देखा
अरे लोग कहते हैँ कि फूल कभी रोते नही
हमने फूलोँ को भी तन्हाइयोँ मे रोते देखा
एक दिन सोने ने लोहे से कहा "हम दोनो ही लोहे की हथोडी से पीटे जाते हैं, पर तुम इतना चिल्लाते क्यो हो ?"
लोहा कहता है "जब अपना ही अपने को मारता है तब दर्द ज्यादा होता है "
मायने ज़िन्दगी के बदल गये अब तो,
कई अपने मेरे बदल गये अब तो,
करते थे बात आँधियों में साथ देने की
हवा चली और सब मुकर गये अब तो।
वो भी रो देगा उसे हाल सुनाएं कैसे
मोम का घर है चराग़ों को जलाएं कैसे
ये इश्क है ज़नाब इसे अधूरा ही रखिये
पूरा हो गया तो भुला दिया जाएगा..💔
रोज़ पिलाता हूँ एक ज़हर का प्याला उसे
वो दर्द जो दिल में है..मरता ही नहीं 💔
उमर जाया कर दी उसकी तलाश मै आखिर मिला तो भी मेरे ही दिल के किसी कोने मै
इस दुनिया पे भरोसा कभी मत करना
ये शहद दिखाकर ज़हर पिला देती है..💔
कुछ रहम कर जिंदगी थोड़ा सवर जाने दे 💔 💔💔
तेरा अगला जख्म भी सह लेंगे पहले वाला तो भर जाने दे💔 💔💔
"मैं हमदर्दी की खैरातों के सिक्के मोड़ देता हूँ,
के जिस पर बोझ बन जाऊँ
उसे मैं खुद ही छोड़ देता हूँ।"
अजीब शक्श था वो
जिंदगी बदल कर, खुद भी बदल गया….
ये संग्दलों की दुनियां है यहाँ सभाल कर चलना
यहाँ पलकों पे बिठाया जाता है नजरों से गिराने क लिए