कभी भूल के भी मत जाना मुहब्बत के जंगल मे,
यहाँ सांप नहीँ हम सफर डसा करते है..
खता इतनी थी कि उनको पाने की कोशिश की,
अगर छिनने की कोशिश करते तो बेशक वो हमारे होते..
बेचकर नीदें अपनी करवटें खरीद ली हमने,
सौदागर सा हो गया दिल यादों के मामलें में..💛
मत किया कर ऐ दिल किसी से मोहब्बत इतनी,
जो लोग बात नहीं करते वो प्यार क्या करेंगें..
मेरी निगाहों में देखकर कह दे की हम तेरे काबिल नहीं,
कसम तेरी चलती सांसो की हम तुम्हे देखना तक छोड़ देंगे..
निकाल दिया उसने हमें अपनी ज़िन्दगी से,
भीगे कागज़ की तरह,
ना लिखने के काबिल छोड़ा,
ना जलने के ।
बहोत सोचना पड़ता है अब मुँह खोलने से पहले,
क्यूंकि अब दुनिया दिल से नहीं दिमाग से रिश्ता निभाती है...
जिसके लिए आँसूं भी दिखावा हो,
वो लफ्जों को भी नहीं समझ सकता..
उसे बस तब याद आता हूँ मैं, जब कोई दूसरा उसके पास नहीं होता..
फकीर हूँ सिर्फ तुम्हारे दिल का बाकी दुनिया का तो सिकन्दर ही हु…
तुम्हारा दिल है या किसी मंत्री का
इस्तीफा
कब से मांग रहा हूँ दे ही नहीं रही हो..
ज़िन्दगी के हाथ नहीं होते,
लेकिन कभी कभी वो ऐसा थप्पड़ मारती हैं,
जो पूरी उम्र याद रहता है..
लोग रोज नसें काटते हैं,
प्यार साबित करने के लिये,
लेकिन कोई सूई भी नही चुभने देता,
रक्त दान के लिए ।
क्योँ महसुस नही होती है उसे मेरी तकलीफ,
जो कहती थी तुम्हे बहुत अच्छे से जानती हुँ..
तुम वाकिफ नही हो मेरी बेताबी से इसी लिए सब्र की बात करते हो,
मेरी नज़रे उन राहो को भी चूमती है तुम जँहा से एक बार गुजरते हो..
नहीं बसती किसी और की सूरत अब इन आँखों में,
काश की हमने तुझे इतने गौर से देखा ना होता..
जब तक जिंदा थे तो उनकी एहमियत का एहसास न हुआ,
जब चले गए तो अकेलेपन ने एहसास दिल दिया..
मै खुश हूँ कि मेरी बात तो करते हो,
बुरा कहते हो तो क्या हुआ याद तो करते !!
जब तेरे लम्हे न गुज़रें मेरे बिन तो समझ लेना,
टूटकर चाहा था किसी ने इस नफरत भरे जहाँ में..
दर्द की भी एक दवा है,
बेदर्द बन जाइये जनाब..
मरने को मर भी जाऊँ कोई मसला नहीं,
लेकिन ये तय तो हो कि अभी जी रहा हूँ मैं..
हो सके तो मुझ से दूर ही रहना,
टुटा हुआ हूँ कहीं चुभ ना जाऊं ।
तुमने तो सोचा होगा कि मिल जाएँगे बहुत चाहने वाले,
ये भी न सोचा कभी कि फर्क होता है चाहतों में भी..
उसे मेरी शायरी पसंद आई क्योंकि इनमे दर्द था,
न जाने मैं क्यों पसंद नहीं आया मुझमे तो उससे ज्यादा दर्द था..
“बैठे बैठे कभी यूँ ही गुम हो जाता हूँ,
मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ..
मुझे समझना है तो मुझमें उतर कर देखो,
क्योंकि किनारे से समंदर देखा नहीं जाता ।
आँखें थक गई है शायद आसमान को तकते तकते,
वो तारा नहीं टूटता जिसे देखकर मैं तुम्हें मांग लूँ..
क्योँ दिमाग पे जोर दे कर गिनते हो गलतियाँ मेरी,
कभी दिल पर हाथ रख कर पूछो के कसूर किसका था ।
आँखों के अंदाज़ बदल जाते हैं,
जब कभी हम उनके सामने जाते हैं.. 🙂
वो बड़े ताज्जुब से पूछ बैठा मेरे गम की वजह,फिर हल्का सा मुस्कराया, और कहा, मोहब्बत की थी ना..✍️
किसी को भूलें भी तो कैसे..? भूलाने के लिये याद भी तो करना पडता है..😢
आज भी मेरे बदन से आती है, तेरी साँसों की ख़ुश्बू,
तेरे बाद मैने किसी को सीने से लगाया नही है ।
उसको छूना जुर्म है तो मेरी सजा-ए-मौत का इंतजाम करो,मेरे दिल की जिद है की आज उसे सीने से लगाना है..
*🌹" 'यूँ' तो एक 'आवाज़' दूँ...* *और.... 'बुला' लूँ 'तुम्हें'* *मगर 'कोशिश' ये है कि..❣* *'खामोशी' को भी... 'आज़मा' लूँ ज़रा*🌹🌹
*कुछ ख़त आज फिर डाकघर से लौट आये,,* *डाकिया बोला जज्बातों का कोई पता नहीं होता....*
ये मत समजना की काबिल नहीं है हम,
तुझे दिल से चाहा है,
इसलिए तड़प रहे है हम ।
कितने आसान लफ्जों मे कह गई मुझे,
सिर्फ दिल ही तोड़ा है, कौन-सी जान ले ली तेरी..!
"पता है लाश पानी में क्यूँ तैरती है ? क्यूंकि डुबने के लिए जिंदगी चाहिए !!"
कलम लिख नहीं पाती उदास हर लम्हे को,
कुछ जज्बात दिल की गहराइयो में लिखा होता है ।
जिसकी मुहब्बत में मरने के लिए तैयार थे ,
आज उसी की बेवफाई ने हमे जीना सीखा दिया ।
तू अपनी बेवफाई पर इतराना छोड़ दे...... हम भी आज कल तुझे सोचा नहीं करते......
शायरी वो नही लिखते हैं जो शराब से नशा करते हैं. शायरी तो वो लिखते हैं जो यादों से नशा करते हैं…
क्यु देखते है हम वो सपने जिनके टुटने पर भी उनके सच होने का इंतेज़ार होता है
किसी और की हो जाओ तो बता देना,
ये पागल तुम पर मरना छोड़ देगा ।
बहुत सा पानी छुपाया है, मैंने अपनी पलकों में,
जिंदगी लम्बी बहुत है, क्या पता कब प्यास लग जाए ।
नींद भी नीलाम हो जाती हैं दिलों की महफ़िल में जनाब, किसी को भूल कर सो जाना इतना आसान नहीं होता...
खुद से मिलने की भी फुर्सत नही अब मुझे,
और वो पगली औरो से मिलने का इलज़ाम लगा रही है ।
पगली...मेरी पागल सी मोहब्बत का इस कदर मज़ाक न बना......कही ऐसा न हो...तेरी आँखें ही तरस जाएं...मुझे देखने के लिए.
*बदनसीबी देखनी है तो आईने की देखो साहब ,,हर एक चेहरे का सच छुपाता है फिर भी एक दिन टूट जाता है ,,,*
मैने यादें उठाकर देखी थी,
एक दिन तुम मेरे थे ।