वो मौत भी बड़ी हसीन होगी जो तेरी बांहों में आनी होगी.
वादा रहा तुझसे पहले हम मर जायेंगे.
क्योंकि तेरे लिए जन्नत भी सजानी होगी.!!
जब खुदा ने इश्क बनाया होगा तब उसने भी इसे आजमाया होगा.
हमारी औकात ही क्या है कमबख्त इश्क ने तो खुदा को भी रुलाया होगा.!!
प्यार और बारिश दोनों एक जैसे होते हैं
वो हमेशा यादगार होते हैं फर्क सिर्फ इतना है
बारिश साथ रह कर तन भिगाती है
और प्यार दूर रह कर आंखें,,,,
*... "जो लम्हा साथ हैं . . .उसे जी भर के जी लेना.*
*" कम्बख्त" ये "जिंदगी". . ."भरोसे" के काबिल नहीं है.!!*😌
हमको इतना बुरा भी ना समझो तुम;
दर्द_लिखने की आदत है देने_की_नहीं||
हो सके तो पास आकर देख ले मेरे दिल का दर्द....
फासले से तो हर चीज़ छोटी ही नज़र आती है...
हर अल्फाज़ दिल का दर्द है मेरा...
पढ़ लिया करो कौन जाने कौन सी शायरी आखिरी हो जाये ....!!
टूटे तो बड़े चुभते हैं
क्या काँच
क्या रिश्ते...✍
👉❤❤ #दील करे 👉 तूझे 👀 देखूँ #करीब से.. क्या करें..? 👌👌शौक ही है कूछ अजीब से..😘😘
हकीकत तो कुछ और थी..... दिखवा सिर्फ हम देख रहे थे.....🖊💐💐💐
कुछ यू भला हो उस वेवफा का..... कम से कम, हम चेन से तो मर सके.......🖊💐💐💐
*रूह तक उतर गया है कोई ग़म शायद...!*
*कि मुस्कुराने की हर कोशिश नाकाम सी है…!*
*तुम गुज़ार ही लोगे ज़िन्दगी, हर फन में माहिर हो...!!!* *पर मुझे तो कुछ भी नहीं आता, तुम्हे चाहने के सिवा...!!!*❤❤
उनका इल्ज़ाम लगाने का अंदाज ही कुछ गज़ब का था, हमने खुद अपने ही ख़िलाफ गवाही दे दी। 💔 💔
तुमने 👱 जो मेरे 🙋 दिल 💓 को छूना छोड़ दिया, लफ्ज़ो 🗣 ने खूबसूरत 👌 होना छोड़ दिया..
तेरी दोस्ती ने दिया सकूं इतना; की तेरे बाद कोई अच्छा न लगे; तुझे करनी है बेवफ़ाई तो इस अदा से कर; कि तेरे बाद कोई भी बेवफ़ा न लगे।
कुछ लोग आये थे मेरा गम बटाने...
मुझे खुश देखा तो नाराज होकर चल दिये...
जब चलना नहीं आता था, तब कोई गिरने नहीं देता था..
और जब चलना सीख लिया तो, हर कोई गिराने में लगा है....!!
तेरे दर्द से दिल आबाद रहा
कुछ भूल गये
कुछ याद रहा
मुहब्बत भी खेल है शतरंज का,
जिसमे मात होती है एहसासों की।
मेरे साथ बैठ हर रोज़ कुछ बाते तो कर लिया करो.
आज हूँ मैं तुम्हारे संग तो तुम कभी कभी गुस्सा भी कर लिया करो.!!
मै कभी सिगरेट पीता नहीं मगर हर आने वाले से पूछ लेता हूँ कि माचिस है.
बहुत कुछ है जिसे मै फूँक देना चाहता हूँ.!!
सुना है काफी पढ़ लिख गए हो तुम.
कभी वो भी तो पढ़ो जो हम कह नहीं पाते.!!
डाकिये की शिक़ायत करने जा रही हूँ मैं.
मेरे पते की ख़ुशियां कहीं और दे आया है.!!
गरीबी खुद के सिवा औरो पे असरदार नहीं होती.
शायद इस लिए भूखो की कोई सरकार नहीं होती.!!
हम तो नरम पत्तो की शाख हुआ करते थे.
छिले इतने गए की खंजर हो गए.!!
हसरतें पूरी ना हो तो ना सही.
पर ख्वाब देखना कोई गुनाह तो नहीं.!!
तुम क्या जानो उस दरिया पर क्या गुज़री.
तुमने तो बस पानी भरना छोड़ दिया.!!
रोज एक नयी तकलीफ रोज एक नया गम.
न जाने कब एलान होगा की मर गए है हम.!!
लोग कहते है की जो दर्द देता है वो ही दवा देता है.
पता नहीं ऐसी फालतू बातो को कौन हवा देता है.!!
दर्द तो अकेले ही सहते है सभी.
भीड़ तो बस फर्ज अदा करती है.!!
शिकवा करें भी तो किससे करें.
ये दर्द भी मेरा और देने वाला भी मेरा.!!
कभी कभार ही सही मिलने के बहाने चाहिए इस दिल को यादों के आशियाने चाहिए.
जिनसे हो जाती है ज़िन्दगी ज़न्नत मेरी निगाहों को बस वो ही ठिकाने चाहिए.!!
ना महीनों की गिनती है ना सालों का हिसाब है.
मोहब्बत आज भी तुमसे बेपनाह बेहिसाब है.!!
दिल खोल के कर दी नुमाइश ख़ुद की.
बता मेरे पास खुद का अब बचा क्या है.!!
कोशिश तो होती है तेरी हर ख़्वाहिश पूरी करूं.
पर डर लगता है की तू ख़्वाहिश मे मुझसे जुदाई ना मांग ले.!!
शोहरत की बुलंदी भी पल भर का तमाशा है.
जिस डाल पे बैठे हो वो टूट भी सकती है.!!
ऐसे माहौल मे दवा क्या है दुआ क्या है.
जहाँ कातिल ही खूद पूछे की हुआ क्या है.!!
आराम से कट रही थी तो अच्छी थी जिंदगी.
तू कहाँ इन आँखों की बातों में आ गयी.!!
इन ग़म की गलियों में कब तक ये दर्द हमें तड़पाएगा.
इन रस्तों पे चलते-चलते हमदर्द कोई मिल जाएगा.!!
कोई भी हो हर ख़्वाब तो अच्छा नही होता.
बहुत ज्यादा प्यार भी अच्छा नहीं होता है.!!
आँखों में आंसुओं की लकीर बन गई जैसी चाहिए थी वैसी तकदीर बन गई.
हमने तो सिर्फ रेत में उंगलियाँ घुमाई थी गौर से देखा तो आपकी तस्वीर बन गई.!!
अपने वजूद पर इतना न इतरा-ए-ज़िन्दगी.
वो तो मौत है जो तुझे मोहलत देती जा रही है.!!
नाराज क्यों होते हो चले जायेंगे तुम्हारी जिन्दगी से बहुत दूर.
जरा टूटे हुए दिलके टुकडे तो उठा लेने दो.!!
मुझे हदों में रहकर तुझे चाहना अच्छा नही लगता.
जब चाहा ही है तुझे तो हदों से गुज़र भी जाने दो.!!
उसके अंदाज़ में ही उसको भुलाया जाए.
अपना दिल भी कहीं और लगाया जाए.!!
वो आँखो से यूँ शरारत करते हैं अपनी अदाओं से यूँ क़यामत करते हैं.
निगाहें उनके चेहरे से हटती ही नही और वो हमारी नज़रो से शिकायत करते हैं.!!
मुझे दिल में बसाने की कोशिश न कर.
मैं ख़याल हूँ मुझे यूँ ही गुज़र जाने दे.!!
इक दुआ में अटक के रह गया है मेरा दिल.
जाने क्युं तेरे सिवा कुछ और मांगा नहीं जाता.!!
मंज़िले हमारे करीब से गुज़रती गयी जनाब.
और हम औरो को रास्ता दिखाने में ही रह गये.!!