मत सोच इतना… जिन्दगी के बारे में, जिसने जिन्दगी दी है… उसने भी तो कुछ सोचा होगा!
चलता रहूँगा पथ पर, चलने में माहिर बन जाऊंगा !! या तो मंजिल मिल जाएगी, या अच्छा मुसाफ़िर बन जाऊंगा !!
जल को बर्फ़ में बदलने में वक्त लगता है, सूरज को निकलने में वक्त लगता है, किस्मत को तो हम बदल नही सकते, लेकिन अपने हौसलो से किस्मत बदलने में वक्त लगता है।
ज़िन्दगी में उलझे हुए सवालो के जवाब ढूंढता हूँ, जो कर सके मेरे दर्द कम, ऐसा मैं नशा ढूंढता हूँ, माना के हालत से मजबूर, और वक़्त से लाचार हु मैं.. जो दे दे मुझे जीने का बहाना, बस वो राह ढूंढता हूँ मैँ।
अगर ज़िंदगी में कुछ पाना हो, तो तरीके बदलो इरादे नहीं…!!
क्या खूब कहा है, किसी ने- थक कर बैठा हूँ… हार कर नहीं..!! सिर्फ बाज़ी हाथ से निकली है… ज़िन्दगी नहीं.!!!!
टूटने लगे हौसले तो ये याद रखना, बिना मेहनत के तख्तो-ताज नहीं मिलते, ढूंढ़ लेते हैं अंधेरों में मंजिल अपनी, क्योंकि जुगनू कभी रौशनी के मोहताज़ नहीं होते…
जो हो गया उसे सोचा नहीं करते जो मिल गया उसे खोया नहीं करते हासिल उन्हे होती है सफलता…. जो वक्त और हालात पर रोया नहीं करते!!
जो मजिंलो को पाने की चाहत रखते, वो समंदरो पर भी पथरो के पुल बना देते है|
न किसी का फेंका हुआ मिले, न किसी से छिना हुआ मिले, मुझे बस मेरे नसीब में लिखा हुआ मिले, ना मिला ये भी तो कोई गम नहीं, मुझे बस मेरी मेहनत का किया हुआ मिले.
बाजुओं के ज़ोर पर हुकूमत तो बहुतो ने की है, जो सबके दिलो पे राज करे उसे असली बादशाह कहते हैं।
दुनिया की हर चीज ठोकर लगने से टूट जाया करती है दोस्तों, मगर एक कामयाबी ही है जो ठोकर, खा के ही मिलती है !!!
पहाड़ की ऊंचाई आगे बढ़ने से नहीं रोकती बल्कि आपके जूते में पड़े कंकड़ आपको आगे बढ़ने से रोकते हैं।
खोल दे पंख मेरे, कहता है परिंदा, अभी और उड़ान बाकी है, जमीं नहीं है मंजिल मेरी, अभी पूरा आसमान बाकी है, लहरों की ख़ामोशी को समंदर की बेबसी मत समझ ऐ नादाँ, जितनी गहराई अन्दर है, बाहर उतना तूफ़ान बाकी है…
मुश्किलों से भाग जाना आसान होता है हर पहलू जिन्दगी का इम्तिहान होता है डरने वाले को मिलता नहीं कुछ जिंदगी में लड़ने वालो के कदमों में जहान होता है!!
जीत निश्चित हो तो कायर भी लड़ सकते हैं,बहादुर वे कहलाते हैं, जो हार निश्चित हो,फिर भी मैदान नहीं छोड़ते…
अभी सूरज नहीं डूबा ज़रा सी शाम होने दो, मैं खुद लौट जाऊँगा मुझे नाकाम तो होने दो, मुझे बदनाम करने का बहाना ढूंढ़ता है जमाना, मैं खुद हो जाऊँगा बदनाम पहले मेरा नाम तो होने दो।
बिना संघर्ष कोई महान नही होता, बिना कुछ किये जय जय कार नही होता, जब तक नहीं पड़ती हथोड़े की चोट, तब तक कोई पत्थर भी लोगों के लिए भगवान नही होता।
लिखवा दो हर पत्थर पर यह इबारत, मंज़िले नहीं मिला करती नाकाम इरादों से।।
जब तक शिक्षा का मकसद नौकरी पाना होगा, तब तक समाज में नौकर ही पैदा होंगे, मालिक नहीं।
लहरों को शांत देखकर ये मत समझना कि समंदर में रवानी नहीं है, जब भी उठेंगे तूफ़ान बनकर उठेंगे, अभी उठने की ठानी नहीं है…
हवाओं से कह दो कि अपनी औकात में रहे हम पैरों से नहीं हौसलो से उड़ा करते है..!!
कई लोग मुझको गिराने मे लगे है, सरे शाम चिराग भुझाने मे लगे है, उन से कह दो क़तरा नही मैँ समन्द्र हूँ, डूब गये वो ख़ुद जो डूबाने मे लगे है!
अगर आपकी किस्मत लिख सकते हम, तो हर खुशी आपके हिस्से में लिख देते हम, जो मोड़ आपको आपकी मन्ज़िल दिलाये, उस रुख को आपकी तरफ मोड़ देते हम।
बुझी हुई शमा भी जल सकती है .. गहरे तूफानों से कश्ती भी निकल सकती है … हो ना तू मायूस कभी और यूँ ना अपने इरादे बदल रख विश्वास अपने इरादों पे क्योकि, तेरी किस्मत कभी भी बदल सकती है …
कामयाब हर इंसान बन सकता है, बस कोई चोट खाकर बिखर जाता है ! तो कोई चोट सहकर निखर जाता है !!
नजर को बदलो तो नजारे बदल जाते है, सोच को बदलो तो सितारे बदल जाते है!! कश्तियां बदलने की जरूरत नहीं दिशा को बदलो तो किनारे खुद-ब-खुद बदल जाते हैं!!
थोड़ा धीरज रख, थोड़ा और जोर लगाता रह !! किस्मत के जंग लगे दरवाजे को, खुलने में वक्त लगता है !!
झुको तो ऐसे झुको बंदगी भी नाज़ करे, उठो तो ऐसे उठो कि बुलंदिया भी आगाज करे।
आज तुम जिसे गलियों की खाक समझते हो, कल उसका आसमान में डेरा होगा ! एक दिन ऐसा आएगा, घड़ी तुम्हारी लेकिन वक्त मेरा होगा !!
जो मुस्कुरा रहा है, उसे दर्द ने पाला होगा, जो चल रहा है उसके पाँव में ज़रूर छाला होगा, बिना संघर्ष के चमक नहीं मिलती, जो जल रहा है तिल-तिल, उसी दीए में उजाला होगा…
खुदी को कर बुलन्द इतना, कि हर तकदीर लिखने से पहले खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रजा क्या है
अभी तो इस बाज की असली उड़ान बाकी है अभी तो इस परिंदे का इम्तिहान बाकी है अभी अभी मैंने लांघा है समुंदरों को अभी तो पूरा आसमान बाकि है
अगर आप सही हो तो कुछ सही साबित करने की कोशिश ना करो बस सही बने रहो गवाही खुद वक्त देगा
लोग क्या कहेंगे यह सोच कर जीवन जीते हैं भगवान् क्या कहेंगे क्या कभी इसका विचार किया ?
जीवन में तीन मंत्र हमेशा याद रखो * आनंद में वचन मत दीजिये * क्रोध में उत्तर मर दीजिये * दुःख में निर्णय मत लीजिये
कितना भी पकड़ो फिसलता जरूर है ये वक्त है साहब बदलता जरूर है
अगर आप कमाई से ज्यादा मेहनत करते हो तो एक दिन मेहनत से ज्यादा कमाई करोगे|
दुनिया का बोझ दिल से उतार दे, छोटी सी जिंदगी बड़े हंस के गुजर ले|
भरोसा जीता जाता है माँगा नहीं, ये वो दौलत है जो की पाया जाता है, कमाया नहीं|
अभी तो असली उड़ान बाकी है, परिंदे का इम्तिहान बाकी है, अभी अभी तो लांघा है समुंदर, अभी तो पूरा असमान बाकी है|
लाखो ठोकर के बाद भी खुद संभाल लूँगा, गिर कर फिर उठूँगा और चलता रहूँगा|
हौसले हो बुलंद तो हर मुश्किल आसान बना देगे, छोटी टहनियों की क्या औकत, हम तो बरगद को हिला देंगे|
लोग खुद को तय करते है, मंजिल असमानों की, परिंदों को नहीं दी जाती है हौसले उड़ानों की|
हर छोटा बदलाव ही बड़ी कामयाबी का एक दिन हिस्सा बन जाता है, जिंदगी में आगे बढ़ते रहो रास्ता खुद मिल जाता है|
“अपने लक्ष्य को ऊँचा रखो और तब तक मत रुको जब तक आप इसे हासिल नहीं कर लेते है।”
“जिनमें अकेले चलने का होंसला होता हैं, उनके पीछे एक दिन काफिला होता हैं।”
“जिंदगी में किसी से अपनी तुलना मत करो जैसे चांद और सूरज की तुलना किसी से नहीं की जा सकती क्योकि यह अपने समय पर ही चमकते है।”
“दुनियाँ में दो तरह के लोग होते है एक वो जो दुनियाँ के अनुसार खुद को बदल लेते है और दूसरे वो जो खुद के अनुसार दुनियाँ को बदल देते है।”
“ये क्या सोचेंगे? वो क्या सोचेंगे? दुनिया क्या सोचेगी? इससे ऊपर उठकर कुछ सोच, जिन्दगीं सुकून का दूसरा नाम हो जाएगी”