भूख, गरीबी, लाचारी को, इस धरती से आज मिटायें, भारत के भारतवासी को, उसके सब अधिकार दिलायें आओ सब मिलकर नये रूप में गणतंत्र मनायें । गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें ।
लहराएगा तिरंगा अब सारे आस्मां पर, भारत का नाम होगा सब की जुबान पर, ले लेंगे उसकी जान या दे देंगे अपनी जान, कोई जो उठाएगा आँख हमारे हिंदुस्तान पर।
वतन हमारा ऐसा कोई ना छोड पाये , रिश्ता हमारा ऐसा कोई न तोड़ पाये , दिल एक है जान एक है हमारी , हिन्दुस्तान हमारा है यह शान हैं हमारी।
अलग है भाषा, धर्म जात, और प्रांत, भेष, परिवेश, पर हम सब का एक ही गौरव है, राष्ट्रध्वज तिरंगा श्रेठ
याद रखेंगे वीरो तुमको हरदम, यह बलिदान तुम्हारा है, हमको तो है जान से प्यारा यह गणतंत्र हमारा है
देश भक्तो की बलिदान से स्वतंत्रा हुए है हम कोई पूछे कोन हो तो गर्व से कहेंगे भारतीय है हम
कुछ नशा तिरंगे की आन है कुछ नशा मातृभूमि की शान का है हम लहराएँगे हर जगह ये तिरंगा नशा ये हिंदुस्तान की शान का है
ना जियो धर्म के नाम पर, ना मरो धर्म के नाम पर, इंसानियत ही है धर्म वतन का बस जियों वतन के नाम पर
ना पूछो ज़माने से कि क्या हमारी कहानी है
हमारी पहचान तो बस इतनी है कि हम सब हिन्दुस्तानी हैं
चलो फिर से खुद को जगाते हैं अनुशासन का डंडा फिर घुमाते हैं याद करें उन शूरवीरों को क़ुरबानी जिनके कारण हम इस लोकतंत्र का आनंद उठाते हैं
वतन हमारा ऐसा कोई न छोड़ पाये, रिश्ता हमारा ऐसा कोई न तोड़ पाये, दिल एक है एक है जान हमारी, हिंदुस्तान हमारा है हम इसकी शान है
नहीं सिर्फ जश्न मनाना, नहीं सिर्फ झंडे लहराना, ये काफी नहीं है वतन पर, यादों को नहीं भुलाना, जो कुर्बान हुए उनके लफ़्ज़ों को आगे बढ़ाना, खुदा के लिए नही ज़िन्दगी वतन के लिए लुटाना, हम लाएं है तूफ़ान से कश्ती निकाल के, इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के
भारत के गणतंत्र का, सारे जग में मान, दशकों से खिल रही, उसकी अद्भुत शान, सब धर्मो को देकर मान रचा गया इतिहास का, इसलिए हर देशवासी को इसमें है विश्वास
वतन हमारा ऐसे ना छोड़ पाए कोई, रिश्ता हमारा ऐसे ना तोड़ पाए कोई, दिल हमारा एक है एक है हमारी जान. हिन्दुस्तान हमारा है हम है इसकी शान
आज़ादी का जोश कभी कम ना होने देंगे जब भी ज़रूरत पड़ेगी देश के लिए जान लुटा देंगे क्योंकि भारत हमारा देश है अब दोबारा इस पर कोई आंच ना आने देंगे
ये नफरत बुरी है ना पालो इसे दिलों में नफरत है निकालो इसे ना तेरा, ना मेरा, ना इसका, ना उसका ये सब का वतन है बचालो इसे
इंडियन होने पर करीए गर्व, मिलके मनाएं लोकतंत्र का पर्व, देश के दुश्मनों को मिलके हराओ, हर घर पर तिरंगा लहराओ
संस्कार, संस्कृति और शान मिले, ऐसे हिन्दू, मुस्लिम और हिंदुस्तान मिले, रहे हम सब ऐसे मिल-झुल कर, मंदिर में अल्लाह और मस्जिद में भगवान मिले
भूख, गरीबी, लाचारी को, इस धरती से आज मिटायें, भारत के भारतवासी को, उसके सब अधिकार दिलायें आओ सब मिलकर नये रूप में गणतंत्र मनायें
ऐ मेरे वतन के लोगों तुम खूब लगा लो नारा ये शुभ दिन है हम सब का लहरा लो तिरंगा प्यारा पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गँवाए कुछ याद उन्हें भी कर लो जो लौट के घर न आये
इस दिन के लिए वीरो ने अपना खून बहाया है, झूम उठो देशवासियों गणतंत्र दिवस फिर आया है
कुछ कर गुजरने की गर तमन्ना उठती हो दिल में, भारत माँ का नाम सजाओ दुनिया की महफिल में
ना सरकार मेरी है ! ना रौब मेरा है ! ना बड़ा सा नाम मेरा है ! मुझे तो एक छोटी सी बात का गर्व है, मैं “हिन्दुस्तान” का हूँ और “हिन्दुस्तान” मेरा है
सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा हम बुलबुलें हैं इसकी, यह गुलिस्ताँ हमारा
चलो फिर से आज वो नजारा याद कर लें शहीदों के दिलो में थी जो वो ज्वाला याद कर लें जिसमें बहकर आजादी पहुची थी किनारे पे देशभक्ति के खून की वो धारा याद कर लें
बलिदानों का सपना सच हुआ देश तभी आजाद हुआ आज सलाम करें उन वीरों को जिनकी शहादत से ये गणतन्त्र हुआ
मैं तो सोया था गहरी नींद मैं सरहद पर था जवान जगा रात सारी, ये सोच कर नींद मेरी उड़ गयी जवान कर रहा रक्षा हमारी
तीन रंग का है तिरंगा ये ही मेरी पहचान है शान देश की, आन देश की हम तो इसकी ही सन्तान हैं
राष्ट्र के लिए मान-सम्मान रहे हर एक दिल में हिन्दुस्तान रहे देश के लिए एक-दो तारीख नही भारत माँ के लिए ही हर सांस रहे
लहराएगा तिरंगा अब सारे आसमां पर भारत का नाम होगा सब की जुबान पर ले लेंगे उसकी जान या दे देंगे अपनी जान कोई जो उठाएगा आँख हमारे हिंदुस्तान पर
वो शमा जो काम आये अंजुमन के लिए वो जज्बा जो कुर्बान हो जाये वतन के लिए रखते है हम वो हौसले भी जो मर मिटे हिंदुस्तान के लिए
मै भारतवर्ष का हरदम अमित सम्मान करता हूँ, यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ, मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की, तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ
इस दिन के लिए वीरो ने अपना खून बहाया है, झूम उठो देशवासियों गणतंत्र दिवस फिर आया है।
याद रखेंगे वीरो तुमको हरदम, यह बलिदान तुम्हारा हैं हमको तो हैं जान से प्यारा यह गणतंत्र हमारा हैं..।।।।
कुछ कर गुजरने की गर तमन्ना उठती हो दिल में, भारत मा का नाम सजाओ दुनिया की महफिल में ।
मेरा जूता है जापानी; पतलून है इंग्लिश तानी, सर पर लाल टोपी रुसी; फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी।
इतना ही कहना काफी नही भारत हमारा मान है, अपना फ़र्ज़ निभाओ देश कहे हम उसकी शान है |
अलग है भाषा, धर्म जात और प्रांत, पर हम सब का एक है गौरव राष्ट्रध्वज तिरंगा श्रेष्ठ।
किसकी राह देख रहा, तुम खुद सिपाही बन जाना, सरहद पर ना सही, सीखो आंधियारो से लढ पाना ।
बंद करो ये तुम आपस में खेलना अब खून की होली, उस मा को याद करो जिसने खून से चुन्नर भिगोली ।
फना होने की इज़ाजत ली नहीं जाती,
ये वतन की मोहब्बत है जनाब पूछ के की नहीं जाती..!!
मन्दिर से निकलो मस्जिद से निकलो, निकलो गिर्जे गुरुद्वारों से करो देश आज हिफाजत भीतर के गद्दारों से ।
राष्ट्र के लिए मान-सम्मान रहे, हर एक दिल में हिन्दुस्तान रहे, देश के लिए एक-दो तारीख नही, भारत माँ के लिए ही हर सांस रहे।
ना सरकार मेरी है ! ना रौब मेरा है ! ना बड़ा सा नाम मेरा है ! मुझे तो एक छोटी सी बात का गर्व हैं, मैं “हिन्दुस्तान” का हूँ और “हिन्दुस्तान” मेरा है।